देश के जलाशयों में पानी की भारी कमी, भंडारण 30 फीसदी से नीचे पहुंचा

इस सप्ताह के अंत तक दक्षिण-पश्चिम मॉनसून देश में दस्तक दे सकता है. भारत में कुल वर्षा का 70 फीसदी हिस्सा इसी मॉनसून के जरिए आता है, जिससे जलाशयों में पानी की भरपाई होती है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 23 May, 2025 | 07:32 AM

देशभर में गर्मी अपने चरम पर है, और इसी के साथ जल संकट की चिंताएं भी बढ़ गई हैं. भारत के प्रमुख जलाशयों में पानी का स्तर इस हफ्ते 30 फीसदी से भी नीचे पहुंच गया है. हालांकि, भारतीय मौसम विभाग (IMD) की भविष्यवाणी उम्मीद की एक किरण लेकर आई है—इस हफ्ते देश में दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून के दस्तक देने की संभावना जताई गई है, जिससे जलाशयों की स्थिति में सुधार की उम्मीद की जा रही है.

पानी के भंडारण में भारी गिरावट

देशभर के 161 प्रमुख जलाशयों में से 70 फीसदी में पानी का स्तर 40 फीसदी से नीचे चला गया है. केंद्रीय जल आयोग (CWC) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इस हफ्ते जलाशयों में कुल भंडारण केवल 29.37 फीसदी रह गया है, जो लगभग 53.57 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी के बराबर है. हालांकि ये आंकड़े पिछले साल और पिछले 10 सालों की औसत स्थिति से कुछ बेहतर हैं, फिर भी यह स्तर चिंता का कारण बना हुआ है.

कुछ राज्यों में हालात थोड़े बेहतर

जहां एक ओर उत्तर, पूर्व और दक्षिण भारत के जलाशयों में पानी का स्तर काफी कम है, वहीं पश्चिम और मध्य भारत की स्थिति थोड़ी बेहतर है. उदाहरण के लिए, तमिलनाडु के 9 जलाशयों, असम के 2 और त्रिपुरा के एकमात्र जलाशय में पानी का स्तर 65 फीसदी से ऊपर है. पंजाब का इकलौता जलाशय 40 फीसदी तक भर गया है, जबकि राजस्थान 53 फीसदी और हिमाचल प्रदेश में 16 फीसदी है.

मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में गिरा स्तर

मध्य भारत के राज्यों में जलाशयों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. मध्य प्रदेश में पानी का स्तर केवल 37 फीसदी पर है, जबकि उत्तर प्रदेश में यह घटकर 20 फीसदी रह गया है. उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ की स्थिति और भी खराब है, जहां जलाशयों में क्रमशः केवल 16 फीसदी और 25 फीसदी पानी बचा है.

दक्षिण भारत में भी सूखे जैसे हालात

दक्षिण भारत के 45 जलाशयों में औसतन केवल 29.37 फीसदी पानी शेष है. केरल में यह 27 फीसदी और तेलंगाना में 28 फीसदी पर पहुंच चुका है. आंध्र प्रदेश और कर्नाटक की स्थिति और भी गंभीर है, जहां जलाशयों में पानी का स्तर 25 फीसदी से नीचे चला गया है.

उम्मीद की किरण: मॉनसून की आहट

हालांकि हालात गंभीर हैं, लेकिन राहत की खबर यह है कि भारतीय मौसम विभाग ने बताया है कि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में कम दबाव वाले क्षेत्र बन रहे हैं. यह संकेत देते हैं कि इस सप्ताह के अंत तक दक्षिण-पश्चिम मॉनसून देश में दस्तक दे सकता है. भारत में कुल वर्षा का 70 फीसदी हिस्सा इसी मॉनसून के जरिए आता है, जिससे जलाशयों में पानी की भरपाई होती है.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

गेहूं की उत्पत्ति किस क्षेत्र से हुई थी?

Side Banner

गेहूं की उत्पत्ति किस क्षेत्र से हुई थी?