भरपूर रस से लैस है नींबू की नई किस्म, क्लोन विधि से तैयार करने में सफल रहा ICAR

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा द्वारा विकसित नींबू की दो उन्नत किस्में पूसा अभिनव और पूसा उदित किसानों के लिए फायदेमंद हो सकती हैं. ये किस्में अच्छी क्वालिटी और बेहतर उपज के कारण किसानों की आमदनी बढ़ा सकती हैं.

Kisan India
नोएडा | Published: 19 May, 2025 | 08:00 AM

नींबू एक ऐसी फसल जो बड़े आसानी से हर घर में देखने को मिलता हैं. जिसकी मांग बाजारों में हमेशा बनी रहती है. यह सालों-साल बिकने वाले फसलों में से एक है. इसी कड़ी में नींबू की खेती करने वाले किसानों के लिए एक अच्छी खबर आई है. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा के कृषि वैज्ञानिकों के माध्यम से नींबू की खास किस्में पूसा अभिनव तैयार की गई हैं. ये किस्में अपनी अच्छी क्वालिटी और बेहतर उपज के कारण किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है.

यूपी समेत इन राज्यों के लिए सटीक किस्म

नींबू की पूसा अभिनव किस्म को भारत सरकार के माध्यम से वर्ष 2021 में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान जैसे राज्यों के लिए विकसित किया गया है. इसके पौधे मध्यम आकार के होते हैं, पत्ते घने और फल चमकीले पीले गोल आकार के होते हैं, जो दिखने में बहुत आकर्षक होते हैं.

क्लोनल विधि से तैयार की गई किस्म

पूसा अभिनव किस्म को को क्लोनल विधि से तैयार किया गया है. क्लोनल विधि का मतलब है कि अलैंगिक प्रजनन के माध्यम से एक ही पौधे के समान पौधे हासिल करना. यह प्रक्रिया पौधों के कुछ हिस्सों जैसे कि तना, जड़ या पत्ती को निकालकर नए पौधे में विकसित करने के लिए एक विशेष प्रॉसेस से उगाई जाती है.

रस की मात्रा करीब 57प्रतिशत तक

नींबू की इस किस्म की एक खास बात यह है कि यह मार्च-अप्रैल और अगस्त-सितंबर के दौरान मुख्य तुड़ाई के साथ साल भर फल देती रहती है. इसमें फल का वजन औसतन 38.15 ग्राम होता है, रस की मात्रा करीब 57 प्रतिशत तक होती है, और अम्लीयता 7.72 प्रतिशत होती है, जो इसे स्वाद में भी बेहतरीन बनाता है. यह किस्म नींबू के कैंकर रोग के प्रति मध्यम रूप से सहनशील मानी जाती है है. इसकी औसत उपज 16-20 टन प्रति हेक्टेयर तक होती है, जो छोटे और मध्यम किसानों के लिए बहुत फायदेमंद है.

किसानों के लिए क्यों फायदेमंद

  • दो तुड़ाई के कारण किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता मध्यम होने से कम नुकसान
  • अच्छी गुणवत्ता वाले फल और दिखने में आकर्षक
  •  रस की मात्रा अधिक होने से प्रोसेसिंग यूनिट्स के लिए बढ़ती मांग

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Published: 19 May, 2025 | 08:00 AM

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