देश में बढ़ी बेरोजगारी, फिर भी खेती-किसानी बनी सहारा- जानें क्या कहती है रिपोर्ट
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) की नई रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर 2025 में बेरोजगारी दर बढ़कर 7.5 फीसदी पहुंच गई है, जो पिछले छह महीनों में सबसे ज्यादा है. अप्रैल 2025 के बाद यह बेरोजगारी दर का सबसे ऊंचा स्तर है.
Unemployment Rate 2025: देश में रोजगार की स्थिति एक बार फिर चर्चा में है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) की नई रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर 2025 में बेरोजगारी दर बढ़कर 7.5 फीसदी पहुंच गई है, जो पिछले छह महीनों में सबसे ज्यादा है. अप्रैल 2025 के बाद यह बेरोजगारी दर का सबसे ऊंचा स्तर है. हालांकि, इसी दौरान कृषि क्षेत्र में 1.1 करोड़ नए रोजगार सृजित हुए हैं, जिसने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संभालने में अहम भूमिका निभाई है.
ग्रामीण भारत में बढ़ी बेरोजगारी, शहरों में मामूली सुधार
रिपोर्ट बताती है कि बेरोजगारी का सबसे ज्यादा असर ग्रामीण भारत पर पड़ा है. अक्टूबर में ग्रामीण बेरोजगारी दर 7.6 फीसदी रही, जबकि शहरी इलाकों में यह घटकर 7.4 फीसदी रह गई. यह स्थिति इसलिए भी है क्योंकि खरीफ फसलों की कटाई और रबी की बुवाई के समय अस्थायी रूप से कृषि क्षेत्र में रोजगार तो बढ़ा, लेकिन अन्य ग्रामीण व्यवसायों पर इसका असर पड़ा.
सीएमआईई के मुताबिक, सितंबर में कृषि क्षेत्र में लगभग 12.5 करोड़ लोग कार्यरत थे, जो अक्टूबर में बढ़कर 13.6 करोड़ हो गए. इसके बावजूद ग्रामीण बेरोजगारी दर में बढ़ोतरी बताती है कि खेतों में काम तो मिला, लेकिन स्थायी रोजगार के अवसर अब भी सीमित हैं.
निर्माण और विनिर्माण क्षेत्र में भारी गिरावट
कृषि के बढ़ते रुझान का सीधा असर निर्माण और विनिर्माण क्षेत्र पर पड़ा है. रिपोर्ट के अनुसार, केवल अक्टूबर महीने में निर्माण क्षेत्र में 90 लाख से ज्यादा नौकरियां खत्म हुईं. वहीं, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र से लगभग 38 लाख लोग बेरोजगार हुए.
कई छोटे व्यापारी और दिहाड़ी मजदूर, जिन्हें शहरी क्षेत्रों में काम नहीं मिला, उन्होंने गांव लौटकर खेती को ही अपना सहारा बना लिया. इस वजह से ग्रामीण रोजगार का आंकड़ा बढ़ा, लेकिन अन्य सेक्टरों में गिरावट दर्ज की गई.
आईटी और बैंकिंग सेक्टर में भी सुस्ती
त्योहारी सीजन के बावजूद व्हाइट कॉलर जॉब्स में गिरावट देखने को मिली. आईटी और बैंकिंग जैसे संगठित क्षेत्रों में भर्तियों की गति धीमी रही. रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर में आईटी सेक्टर में 15 फीसदी, जबकि बैंकिंग सेक्टर में 24 फीसदी की कमी दर्ज की गई.
हालांकि, इसका एक कारण यह भी बताया गया कि दशहरा और दिवाली जैसे त्योहारों के दौरान नई नियुक्तियां सामान्य रूप से कम होती हैं, जिससे जॉब डेटा पर अस्थायी प्रभाव पड़ता है.
कुछ क्षेत्रों में दिखी उम्मीद की किरण
रोजगार में गिरावट के बीच कुछ सेक्टर ऐसे हैं जो लगातार बढ़ रहे हैं. जॉबस्पीक इंडेक्स रिपोर्ट के मुताबिक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग (AI/ML) पेशेवरों की मांग में 33 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
इसी तरह, अकाउंटिंग और फाइनेंस में 15 फीसदी, शिक्षा क्षेत्र में 13 फीसदी और बीपीओ/आईटीईएस सेक्टर में 6 फीसदी नौकरियां बढ़ी हैं. इससे संकेत मिलता है कि टेक्नोलॉजी और स्किल-आधारित नौकरियों का भविष्य अभी भी उज्जवल है.