गेहूं नहीं इस फसल की करें खेती, 1500 ग्राम बीज से 100 क्विंटल होगी पैदावार

आर्का हरिता किस्म के लिए दोमट या बलुई दोमट मिट्टी अच्छी होती है. खेत में नमी हमेशा बनी रहनी चाहिए. इससे फसल की ग्रोथ अच्छी होती है. ध्यान देने वाली बात यह है कि मिर्च के खेत में कभी भी जलभराव नहीं होना चाहिए.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 3 Nov, 2025 | 04:25 PM

 Green Chilli Varieties: देश में बागवानी के प्रति लोगों का रुझान बढ़ता जा रहा है. अब किसान पारंपरिक फसलों के साथ-साथ सब्जियों की खेती बड़े स्तर पर कर रहे हैं. इससे किसानों की अच्छी कमाई हो रही है. कई किसान हरी मिर्च की खेती कर रहे हैं. लेकिन उन्हें अच्छा मुनाफा नहीं हो रहा है. लेकिन अब मिर्च की खेती करने वाले किसानों को चिंता करने जी जरूरत नहीं है. दरअसल, आज हम मिर्च की ऐसी पांच किस्मों के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिसकी बुवाई करने पर बंपर पैदावार होगी. इससे किसानों की कमाई कई गुना बढ़ जाएगी.

एक्सपर्ट के मुताबिक, देश में हरी मिर्च की कई हाईब्रिड और देसी किस्में हैं. अगर किसान इन किस्मों की बुवाई करेंगे, तो किस्मत बदल सकती है. कुछ इसी तरह की मिर्च की बेहतरीन किस्म हैं- ललिमा, एनएस-1701,आर्का हरिता, पूसा ज्वाला और रामकृष्णा 51. इन किस्मों की किसी भी मौसम में उगाया जा सकता है. यानी हिमाचल प्रदेश जैसे ठंड और मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश जैसे गर्म इलाके किसान भी इन किस्मों की खेती  कर सकते हैं. खास बात यह है कि इन किस्मों में रोगों से लड़ने की क्षमता अधिक होती है. इसके चलते ये किस्में लंबे समय तक फल देती हैं और पैदावार भी ज्यादा होता है.

75 दिन में तैयार हो जाती है फसल

अगर आप पूसा ज्वाला किस्म की बुवाई करते हैं, तो 75 दिन बाद  फसल तैयार हो जाती है. अगर इसकी खासियत की बात करें, तो एक एकड़ में बुवाई करने पर 90 से 100 क्विंटल तक पैदावार हो सकती है. साथ ही इसकी मिर्च पतली और लंबी होती है. इसके चलते मार्केट में इसकी खूब डिमांड रहती है. इसी तरह आर्का हरिता किस्म  कम समय में तैयार हो जाती है. बुवाई के 65 दिन बाद पैदावार शुरू हो जाती है. इस मिर्च के पौधे की लंबाई 60 से 70 सेंटीमीटर ऊंचाई तक जाती है. एक पौधे से करीब 1.5 से 2 किलो तक हरी मिर्च का उत्पादन होता है.

नियमित सिंचाई है जरूरी

एक्सपर्ट के मुताबिक, आर्का हरिता किस्म के लिए दोमट या बलुई दोमट मिट्टी अच्छी होती है. खेत में नमी हमेशा बनी रहनी चाहिए. इससे फसल की ग्रोथ अच्छी होती है. ध्यान देने वाली बात यह है कि मिर्च के खेत में कभी भी जलभराव नहीं होना चाहिए. इससे फसल को नुकसान पहुंचता है. बुवाई के समय प्रति बीघा लगभग 700 से 800 ग्राम बीज की जरूरत पड़ती है. यानी एक एकड़ में 1500 ग्राम बीज की खपत होगी. पौधों की रोपाई के बाद नियमित सिंचाई  करनी चाहिए. अगर आप जैविक खाद का इस्तेमाल करते हैं, पौधों का विकास तेजी से होगा.

एक एकड़ में कितनी होगी कमाई

इसी तरह करण हरी मिर्च भी किसानों के लिए एक अच्छा विकल्प है. अगर एक बीघे में वैज्ञानिक तरीके  से इसकी खेती करते हैं, तो लगभग 40 से 50 हजार रुपये तक का शुद्ध मुनाफा होगा. जबकि, एक एकड़ में 1.5 लाख रुपए तक की कमाई हो सकती है.

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Published: 3 Nov, 2025 | 04:19 PM

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