Onion Price: सरकार ने इन शहरों में शुरू की सब्सिडी वाले प्याज की बिक्री, मार्केट से बहुत सस्ता है रेट

त्योहारी सीजन में प्याज की कीमत को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने मुंबई, अहमदाबाद सहित कई शहरों में 24 रुपये प्रति किलो की दर से सब्सिडी पर प्याज बेचने की शुरुआत की है. यह बिक्री बफर स्टॉक से की जा रही है और दिसंबर तक जारी रहेगी.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 5 Sep, 2025 | 11:32 PM

Onion Price Hike: प्याज की कीमत को बढ़ने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. उसने त्योहारी सीजन को देखते हुए दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद में सब्सिडी पर 24 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज बेचने की शुरुआत की है. केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस योजना की शुरुआत करते हुए कहा कि सरकार के बफर स्टॉक से करीब 25 टन प्याज मोबाइल वैन के जरिए बेचा जाएगा. यह बिक्री NAFED, NCCF और केंद्रीय भंडार जैसी सहकारी संस्थाओं के जरिए की जाएगी. उन्होंने कहा कि जहां भी खुदरा कीमत 30 रुपये प्रति किलो से ज्यादा है, वहां प्याज 24 रुपये प्रति किलो में बेचा जाएगा.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक. इस योजना के तहत शुक्रवार यानी 5 सितंबर से चेन्नई, गुवाहाटी और कोलकाता में भी प्याज की बिक्री शुरू होगी और यह दिसंबर तक चलेगी. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार को प्याज की देशभर में औसतन खुदरा कीमत 28 रुपये प्रति किलो रही, जबकि कुछ शहरों में यह 30 से ऊपर पहुंच गई थी. सरकार के पास फिलहाल 3 लाख टन प्याज का बफर स्टॉक है, जिसे 2024- 25 के लिए प्राइस स्टेबिलाइजेशन फंड (PSF) स्कीम के तहत औसतन 15 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदा गया है.

जुलाई में खुदरा महंगाई दर सिर्फ 1.55 फीसदी रही

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि इस बफर स्टॉक को सोच-समझकर बाजार में उतारने का मकसद है, ताकि खाद्य महंगाई पर काबू पाया जा सके और कीमतों को स्थिर बनाए रखा जा सके. उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि खाने-पीने की चीजों की महंगाई कंट्रोल में रहे. ऐसे सीधे कदम हाल के महीनों में महंगाई कम करने में काफी असरदार साबित हुए हैं. वहीं, जुलाई में भारत की खुदरा महंगाई दर सिर्फ 1.55 फीसदी रही, जो पिछले आठ सालों में सबसे कम है.

प्याज उत्पादन में 27 फीसदी की बढ़ोतरी

उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने कहा कि इस साल प्याज की कीमतें काफी हद तक स्थिर रही हैं, जबकि पहले ऐसा नहीं होता था. इसका मुख्य कारण घरेलू उत्पादन में 27 फीसदी की बढ़ोतरी है. साल 2024- 25 के फसल वर्ष (जुलाई से जून) के लिए प्याज उत्पादन का अनुमान 307.7 लाख टन लगाया गया है. निधि खरे ने कहा कि फिलहाल प्याज पर कोई एक्सपोर्ट ड्यूटी या रोक नहीं है. जुलाई और अगस्त में हर महीने करीब 1 लाख टन प्याज का निर्यात लगातार हुआ है.

30 रुपये किलो हो रही टमाटर की बिक्री

उन्होंने कहा कि हमने प्याज करीब 15 रुपये प्रति किलो की लागत से खरीदा है. त्योहारों के सीजन से पहले इसे बेचना हमें लागत वसूलने में मदद करता है और उपभोक्ताओं को भी सस्ता प्याज मिलता है. बफर स्टॉक का ज्यादातर प्याज रबी (सर्दी) की फसल से खरीदा गया है, खासकर महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों से. व निधि खरे ने कहा कि प्याज की खरीद, भंडारण और बिक्री की पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए मंत्रालय ने एक टेक्नोलॉजी-बेस्ड मॉनिटरिंग सिस्टम शुरू किया है. इस बीच, एनसीसीएफ जैसी एजेंसियां दिल्ली-एनसीआर में अगस्त से ही टमाटर भी 30 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी रेट पर बेच रही हैं, ताकि सप्लाई बेहतर हो और दाम काबू में रहें.

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Published: 5 Sep, 2025 | 12:07 PM

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