जनवरी 2014 के बाद अक्टूबर 2025 में सबसे कम हुई महंगाई, घटकर 0.25 फीसदी पर पहुंची
तेल और वसा श्रेणी में कीमतें 11.17 फीसदी बढ़ीं. खाने के तेलों में नारियल तेल सबसे ज्यादा बढ़कर 92.67 फीसदी पहुंच गया. विश्लेषकों के अनुसार, वैश्विक वनस्पति तेल की कीमतें अभी भी ऊंची हैं. अक्टूबर में 10.9 फीसदी बढ़ोतरी हुई.
Food inflation: अक्टूबर 2025 में भारत की खुदरा महंगाई घटकर सिर्फ 0.25 फीसदी रह गई, जो जनवरी 2014 के बाद सबसे कम है. इस बड़ी गिरावट की मुख्य वजह खाद्य पदार्थों की कीमतों में भारी कमी रही, जहां food & beverages श्रेणी में 3.72 फीसदी की डिफ्लेशन दर्ज हुई. हालांकि core inflation के ज्यादार हिस्सों में हल्की बढ़ोतरी दिखी, लेकिन CPI में खाद्य वस्तुओं का वजन 45.86 फीसदी होने के कारण कुल महंगाई नीचे चली गई. राज्यों में स्थिति अलग-अलग है. केरल में महंगाई 8.6 फीसदी थी, जबकि बिहार में 2 फीसदी की डिफ्लेशन दर्ज हुई.
खास बात यह है कि अक्टूबर महीने के दौरान सब्जियों में तेज गिरावट आई. कुल 27.6 फीसदी डिफ्लेशन रहा. आलू 36.65 फीसदी, टमाटर 42.93 फीसदी और प्याज 54.31 फीसदी सस्ते हुए. वहीं, चावल में भी 0.56 फीसदी की डिफ्लेशन रही, जिससे दलहन-अनाज समूह की औसत महंगाई 0.92 फीसदी तक नीचे आ गई. यह ध्यान देने वाली बात है कि अनाज और सब्जियां खाद्य टोकरी का सबसे बड़ा हिस्सा होती हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक, पिछले साल की ऊंची कीमतों के कारण base effect ने भी महंगाई कम करने में बड़ी भूमिका निभाई.
तिलहन की बुवाई 5.3 फीसदी कम रही
दूसरी तरफ, तेल और वसा श्रेणी में कीमतें 11.17 फीसदी बढ़ीं. खाने के तेलों में नारियल तेल सबसे ज्यादा बढ़कर 92.67 फीसदी पहुंच गया. विश्लेषकों के अनुसार, वैश्विक वनस्पति तेल की कीमतें अभी भी ऊंची हैं. अक्टूबर में 10.9 फीसदी बढ़ोतरी हुई. साथ ही, इस साल खरीफ में तिलहन की बुवाई 5.3 फीसदी कम रही है, जिससे तेलों की महंगाई आगे भी बनी रह सकती है.
सोने की कीमतों में 58 फीसदी की बढ़ोतरी
वहीं, हाउसिंग में महंगाई 2.96 फीसदी, हेल्थ में 3.86 फीसदी, एजुकेशन में 3.49 फीसदी, फ्यूल-एंड-लाइट में 1.98 फीसदी और कपड़े-जूते में 1.7 फीसदी रही. खासकर शहरी इलाकों में मजबूत उपभोग (consumption) कोर महंगाई को थोड़ा ऊंचा बनाए हुए है. कोर महंगाई की सबसे बड़ी खासियत personal care and effects श्रेणी रही, जहां 23.88 फीसदी की तेज बढ़ोतरी दर्ज हुई. Emkay Research के अनुसार, सोने की कीमतों में 58 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और यही इस श्रेणी में महंगाई का मुख्य कारण है. अगर गोल्ड को कोर CPI से हटा दें, तो कोर महंगाई 3.9 फीसदी से गिरकर 3.3 फीसदी रह जाती है.
नवंबर CPI और आगे की दिशा
अर्थशास्त्री अनुमान लगा रहे हैं कि नवंबर में खाद्य महंगाई सामान्य रहेगी और कुल CPI 0.9 फीसदी के आसपास होगी. इससे RBI के FY26 CPI अनुमान 2.6 फीसदी से घटकर लगभग 2.1 फीसदी हो सकता है. CareEdge Ratings का मानना है कि इससे RBI को विकास को समर्थन देने पर ज्यादा ध्यान देने की गुंजाइश मिलेगी. वहीं Emkay Research का कहना है कि RBI अभी भी ब्याज दरों में कटौती को लेकर सतर्क है और स्पष्टता का इंतजार कर रहा है.