यूरिया वितरण के लिए नया मोबाइल ऐप लॉन्च, पट्टेदार किसान भी कर सकते हैं ऑनलाइन बुकिंग
तेलंगाना में कृषि विभाग ने यूरिया वितरण के लिए नया मोबाइल ऐप लॉन्च किया है. किसान ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं और फर्टिलाइजर केंद्र पर वन-टाइम पासवर्ड से यूरिया ले जा सकते हैं. आपूर्ति चार चरणों में होगी और अधिकारियों ने किसानों की मदद के लिए स्टाफ तैनात किया है.
Fertilizer Distribution: तेलंगाना के निजामाबाद में कृषि विभाग ने यूरिया वितरण के लिए एक नया मोबाइल ऐप लॉन्च किया है, जो गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है. अब किसान इस ऐप के जरिए यूरिया की ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं. पट्टेदार पासबुक वाले किसान और बिना दस्तावेज वाले किरायेदार किसान भी बुकिंग कर सकते हैं. किरायेदार किसानों के लिए जमीन मालिक की पुष्टि से बुकिंग वैध मानी जाएगी, जबकि बिना किसी दस्तावेज वाले किसानों के लिए धान बिक्री के रिकॉर्ड की जांच की जाएगी.
80,000 मीट्रिक टन यूरिया की जरूरत है
इस नए सिस्टम के तहत किसानों को फर्टिलाइजर दुकान पर लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. बस बुकिंग की जानकारी और वन-टाइम पासवर्ड लेकर यूरिया ले जा सकते हैं. निजामाबाद में रबी सीजन में करीब 2.5 लाख किसान 5.4 लाख एकड़ में फसलें उगाते हैं, जिनमें 4.4 लाख एकड़ में धान की खेती होती है. अधिकारियों के अनुसार, कुल 80,000 मीट्रिक टन यूरिया की जरूरत है, जिसमें से 40,000 मीट्रिक टन रिटेल आउटलेट्स को सप्लाई की जाएगी. अब तक 23,000 मीट्रिक टन वितरित हो चुका है और 17,000 मीट्रिक टन स्टॉक में है.
बिना स्मार्टफोन वाले किसान कैसे करेंगे बुकिंग
हालांकि, प्रति एकड़ यूरिया की मात्रा और बिना स्मार्टफोन वाले किसानों की पहुंच पर सवाल अभी भी बने हुए हैं. अधिकारियों ने इस बारे में उच्च अधिकारियों से स्पष्टता मांगी है. कृषि विभाग के जिला प्रभारी अधिकारी जी वीरास्वामी ने कहा कि यह नया सिस्टम यूरिया से जुड़ी समस्याओं को हल करने में मदद करेगा. हर किसान की बुकिंग हर 15 दिन में एक बार की जाएगी और यूरिया की आपूर्ति चार चरणों में जारी होगी. उन्होंने बताया कि इससे यूरिया का दुरुपयोग और अवैध रोकथाम भी होगी. किसानों की मदद के लिए कृषि विस्तार अधिकारी और अन्य विभागीय कर्मचारी फर्टिलाइजर वितरण केंद्रों पर तैनात किए गए हैं.
मध्य प्रदेश में खाद की होम डिलीवरी
बता दें कि खाद की ऑनलाइन बिक्री मध्य प्रदेश में पहले से ही हो रही है. खाद लेने के लिए एमपी के किसानों को दुकान के बाहर घंटों लंबी कतार में इंतजार नहीं करना पड़ रहा है. क्योंकि राज्य में खाद की होम डिलीवरी शुरू हो गई है. कहा जा रहा है कि किसानों के लिए उर्वरक खाद की सुविधा और आसान बनाने के लिए यह नया कदम उठाया गया है. राज्य में पहले ऑनलाइन उर्वरक वितरण प्रणाली शुरू की गई थी और अब होम डिलीवरी की सुविधा भी शुरू हो गई है. खास बात है कि यह पायलट प्रोजेक्ट विदिशा और जबलपुर में लागू किया गया है.