गाय के गोबर से बनाएं जीवामृत, बंजर जमीन में भर देगा ताकत

किसान अपने खेत की जरूरत के हिसाब से महीने में एक या दो बार 200 लीटर प्रति एकड़ की दर से सिंचाई के साथ इस्तेमाल करें. खड़ी फसलों पर छिड़काव के लिए बुवाई के 21 दिनों बाद प्रति एकड़ 100 लीटर पानी में 5 लीटर जीवामृत मिलाकर इस्तेमाल करें.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Updated On: 19 May, 2025 | 07:37 PM

आज के समय में किसान अपने खेतों में केमिकल खाद और कीटनाशकों की जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं जिसके कारण मिट्टी की उर्वरक क्षमता कम हो जाती है. ऐसे में खेत की बंजर होती जमीन को लेकर किसान परेशान होते हैं. अब किसान बंजर जमीन के इलाज के लिए अपने खेतों में जीवामृत का इस्तेमाल करने लगे हैं. बता दें कि जीवामृत की मदद से जमीन को पोषक तत्व मिलते हैं और ये एक बेहतर खाद के तौर पर काम करती है. इसके इस्तेमाल से मिट्टी में रहने वाले सूक्ष्म जीवों की गतिविधि भी बढ़ जाती है. जीवामृत को बनाने के लिए किसानों को बहुत खर्च करने की जरूरत नहीं होती है. किसान आसानी से बेसन और गोबर से घर पर जीवामृत बना सकते हैं.

किसान ऐसे बनाएं जीवामृत

जीवामृत बनाने के लिए किसान एक ड्रम में 200 लीटर पानी डालें और उसमें 10 किलो ताजा गाय का गोबर, 10 ली गाय का मूत्र, 1 किलो बेसन (किसी भी दाल का), पुराना गुड़ और 1 किलो मिट्टी को मिला लें. यह सब चीजें मिलाने के बाद इस मिश्रण को 48 घंटे के लिए छाया में रख दें. फिर 2 से 4 दिन बाद यह मिश्रण इस्तेमाल के लिए तैयार हो जाएगा. इस मिश्रण के इस्तेमाल से फसलों की पैदावार में बढ़ोतरी होती है. साथ ही मिट्टी की क्वालिटी भी बेहतर होती है.ध्यान रखें कि जीवामृत बनाने के लिए देसी गाय का गोबर और गोमूत्र ही बेस्ट माना जाता है.

ऐसे करें खेत में इस्तेमाल

किसान अपने खेत की जरूरत के हिसाब से महीने में एक या दो बार 200 लीटर प्रति एकड़ की दर से सिंचाई के साथ इस्तेमाल करें. खड़ी फसलों पर छिड़काव के लिए बुवाई के 21 दिनों बाद प्रति एकड़100 लीटर पानी में 5 लीटर जीवामृत मिलाकर इस्तेमाल करें. पहले छिड़काव के 21 दिनों बाद किसान प्रति एकड़ 200 लीटर पानी और 20 लीटर जीवामृत को मिलाकर इस्तेमाल करें. इसके साथ ही तीसरा छिड़काव, दूसरे छिड़काव के 21 दिनों बाद प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में 20 लीटर जीवामृत मिलाकर करें.

जीवामृत के फायदे

जीवामृत की मदद से पौधों की जड़ों को ऑक्सीजन लेने में आसानी होती है. जीवामृत का इस्तेमाल कंपोस्ट खाद बनाने में भी किया जाता है. इसकी मदद से केंटुओं की संख्या बढ़ाने में भी मदद मिलती है. जीवामृत से मिट्टी की उर्वरा शक्ति के साथ-साथ फसल का उत्पादन बढ़ाने में भी मदद मिलती है.साथ ही मिट्टी नरम हो जाती है, जिससे जड़ों को फैलने में मदद मिलती है.इसके साथ ही जीवामृत के इस्तेमाल से बीजों के अंकुरण और पत्तियों को हरा-भरा बनाने में भी काफी मदद करती है.

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Published: 19 May, 2025 | 07:34 PM

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