लौकी की इस किस्म से होगी एक लाख तक कमाई, किसान सस्ते में खरीदें बीज

लौकी की खेती से किसानों को काफी फायदा होता है. एक एकड़ जमीन पर लौकी की खेती से किसानों कम से कम 80 हजार से 1 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं. लेकिन इसके लिए जरूरी है कि किसान लौकी की सही किस्मों का चुनाव करें.

नोएडा | Updated On: 15 May, 2025 | 02:39 PM

लौकी (Bottle Gourd) की खेती गर्मी और बारिश दोनों ही मौसमों में की जाती है. बाजार में लौकी की मांग हर समय बनी रहती है. इसके चलते देश में लौकी की खेती बड़े पैमाने पर होती है. लौकी की खेती से किसानों को भी काफी फायदा होता है. एक एकड़ जमीन पर लौकी की खेती से किसानों कम से कम 80 हजार से 1 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं. लेकिन इसके लिए जरूरी है कि किसान लौकी की सही किस्मों का चुनाव करें. लौकी की ऐसी ही एक हाइब्रिड किस्म है लौकी पीएच-3 (PH-3). सरकार भी किसानों के इसके बीज सस्तें दामों में उपलब्ध करा रही हैं. जानिए कहां से सस्ते में खरीद सकते हैं लौकी की इस किस्म के बीज

सस्ते में खरीदें लौकी पीएच-3 के बीज

किसानों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय बीज निगम ऑनलाइन बीज उपलब्ध कराता है जिसका दाम खुले बाजार के दाम से कम होता है. बता दें कि लौकी की इस किस्म के बीज का 50 ग्राम का पैकेट 155 रुपये का है. जबकि राष्ट्रीय बीज निगम इस पैकेट को ऑनलाइन केवल 133 रुपये में उपलब्ध करा रही है. किसान चाहें तो https://www.mystore.in/ पर जाकर इसे ऑनलाइन मंगवा भी सकते हैं. लौकी पीएच-3 के बीजों के 50 ग्राम के 2 पैकेट खरीदने पर एनएससी (NSC) 19 मई 2025 तक ऑफर भी दे रहा है. ऑफर के तहत 50 ग्राम के 2 पैकेट खरीदने पर एक किसानों को एक कॉफी मग भी दिया जाएगा.

Bottle Gourd Farming

Offer on purchase of Bottle Gourd PH-3 Variety seeds

लौकी की इस किस्म की खासियत

लौकी पीएच-3 की खासियत है कि यह सेहत के लिए बेहद ही फायदेमंद होता है. इसमें मौजूद विटामिन सी, बी, के, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन और जिंक जैसे शरीर को कई तरह के स्वास्थ्य संबंधी फायदे पहुंचाते हैं. लौकी पीएच-3 की प्रति हेक्टेयर फसल से औसतन 30 से 35 टन पैदावार होती है. इसकी खेती के लिए प्रति हेक्टेयर करीब 3 से 4 किलो बीज की जरूरत होती है. बता दें कि यह बुवाई के करीब 55 से 75 दिनों में लौकी की ये किस्म कटाई के लिए तैयार हो जाती है.

उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में होती है खेती

लौकी पीएच-3 की खेती भारत के कई राज्यों में बड़े पैमाने पर की जाती है. इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बिहार और मध्य प्रदेश मुख्य रूप से शामिल हैं. इसकी खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे बेस्ट मानी जाती है और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए उसमें गोबर की खाद, जैविक खाद या केमिकल खाद का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

Published: 15 May, 2025 | 02:38 PM