सजावट के लिए बेस्ट है गेंदा की पूसा नारंगी किस्म, प्रति हेक्टेयर फसल से 35 टन तक होगी पैदावार

गेंदा पूसा नारंगी की सबसे बड़ी खासियत है कि इसके बड़े और चमकदार फूल इसे सजावट के लिए बेस्ट बनाते हैं. इसके अलावा इस किस्म की एक खासियत ये भी है कि इसके फूल मच्छरों को दूर भगाने में मदद करते हैं

नोएडा | Updated On: 7 Aug, 2025 | 07:46 PM

गेंदे का फूल भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है, कोई भी धार्मिक अनुष्ठान, पारंपरिक रीति-रिवाज या समारोह गेंदे के फूल के बिना अधूरे रहते हैं. गेंदे के फूल को सजावट और पूजा दोनों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. फ्रेश और चमकदार गेंदे के फूल घर की सुंदरता को चार चांद लगाकर वातावरण को अपनी भीनी खुशबू से और भी मनमोहक बनाते हैं. बाजार में गेंदे की मांग सालभर बनी रहती है, यही कारण है कि देशभर में किसान बड़े पैमाने पर इसकी खेती करते हैं और उन्हें बाजार में अपने उत्पादन की अच्छी कीमत भी मिलती है. इस लिहाज से गेंदे की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित होती है. ऐसे में गेंदे की फूलों से अच्छी कमाई और उत्पादन के लिए बेहद जरूरी है कि किसान इसकी उन्नत किस्मों का चुनाव करें. गेंदे की ऐसी ही एक उन्नत क्वालिटी की किस्म है पूसा नारंगी (Marigold Pusa Narangi). गेंदे की इस किस्म की खासियत है कि सजावट के लिए इस किस्म के फूल बेस्ट होते हैं. किसान चाहें तो इसके बीज ऑनलाइन मंगवा सकते हैं.

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आज के समय में किसान पारंपरिक फसलों को छोड़कर अच्छी कमाई के लिए बागवानी फसलों की तरयप अपना रुख कर रहे हैं. बागवानी फसलों में भी किसानों के बीच फूलों की खेती काफी लोकप्रिय है. अपनी मनमोहक खुशबू और सजावट में काम आने के कारण फूलों की मांग बाजार में सालभर बनी रहती है, इसलिए किसानों को फूलों की खेती से फायदा मिलता है. फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय बीज निगम (National Seed Corporation) इन फूलों के बीज कम और किफायती दामों में उपलब्ध करा रहा है. गेंदा पूसा नारंगी के 5 ग्राम बीज का पैकेट 50 रुपये का है लेकिन बीजन निगम ये पैकेट 20 रुपये सस्ता यानी मात्र 30 रुपये में उपलब्ध करा रहा है.

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सजावट के लिए बेस्ट है ये किस्म

गेंदा पूसा नारंगी की सबसे बड़ी खासियत है कि इसके बड़े और चमकदार फूल इसे सजावट के लिए बेस्ट बनाते हैं. इसके अलावा इस किस्म की एक खासियत ये भी है कि इसके फूल मच्छरों को दूर भगाने में मदद करते हैं. बता दें कि, इस किस्म के फूल का रंग सुर्ख नारंगी होता है और पौधों की लंबाई 7 से 8 सेमी के बीच होती है. बात करें गेंदा पूसा नारंगी की पैदावार की तो इसकी प्रति हेक्टेयर फसल से किसान करीब 35 टन तक पैदावार कर सकते हैं. इस किस्म की फसल बुवाई के करीब 123 से 136 दिन बाद पककर तैयार होती है.

Published: 7 Aug, 2025 | 11:30 PM

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