धान की इस बेहतरीन किस्म में नहीं लगेंगे रोग, सस्ती कीमत पर बीज पाएं किसान

धान एमटीयू- 1001 को 'विजेता' के नाम से भी जाना जाता है. अन्य किस्मों के मुकाबले ज्यादा उपज देने के कारण ये किस्म किसानों के बीच काफी लोकप्रिय है.

नोएडा | Updated On: 18 Jul, 2025 | 12:03 PM

देश में मॉनसून की एंट्री होते ही किसानों ने धान की रोपाई की शुरुआत कर दी है. धान की खेती भारत में बड़े पैमाने पर की जाती है. इसकी खेती से किसानों को बेहतर उत्पादन मिलने के साथ ही अच्छी आमदनी भी मिलती है. लेकिन धान की खेती से अच्छी पैदावार और कमाई पाने के लिए बेहद जरूरी है कि किसान धान की उन्नत क्वालिटी की किस्मों का चुनाव करें जिनके बीज प्रमामित हों, जो अच्छी पैदावार देती हों.

धान की ऐसी किस्मों की खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है. धान की ऐसी ही एक किस्म है धान एमटीयू-1001 (Paddy MTU-1001). इस किस्म की खासियत है कि ये चावल में लगने वाले ब्लास्ट रोग या झुलसा रोग के प्रति सहनशील है. किसान चाहें तो इसके बीज घर बैठे ऑनलाइन मंगवा सकते हैं.

किसान सस्ते में खरीदें बीज

खरीफ सीजन की शुरुआत होते ही सरकार लगातार किसानों को खरीफ फसलों की बुवाई के लिए प्रोत्साहित करती है. किसानों को कई तरह की ट्रेनिंग दी जाती है और सरकार की तरफ से वित्तीय सहायता भी दे जाती है. किसानों को कई बार खेती के लिए उपकरण और फसलों को खरीदने में आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. किसानों की इस समस्या के समाधान के लिए राष्ट्रीय बीज निगम (National Seed Corporation) फसलों के बीज बाजार से कम कीमतों पर उपलब्ध कराता है. धान की किस्म MTU-1001 के 10 किलोग्राम बीज का पैकेट बाजार में 650 रुपये में मिलता है जबकि बीज निगम यही पैकेट मात्र 537 रुपये में उपलब्ध करा रहा है. किसान इसके बीज ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं.

ऐसे करें ऑनलाइन ऑर्डर

धान एमटीयू- 1001 की खासियत

धान की इस किस्म को ‘विजेता’ के नाम से भी जाना जाता है. अन्य किस्मों के मुकाबले ज्यादा उपज देने के कारण ये किस्म किसानों के बीच काफी लोकप्रिय है. इस किस्म की खासियत है कि ये ब्लास्ट रोग या झुलसा रोग और भूरा पौधा फुदका रोग के प्रति सहनशील होती है. बात करें इससे होने वाली पैदावार की तो इसकी प्रति हेक्टेयर फसल से किसानों को 67 क्विंटल तक पैदावार मिलती है. बता दें कि ये किस्म बुवाई के करीब 120 से 125 दिनों में पककर तैयार हो जाती है.

Published: 18 Jul, 2025 | 12:30 PM

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