यूरिया संकट खत्म करेगा 10 हजार करोड़ से बनने वाला फर्टिलाइजर प्लांट, हर साल मिलेगी 12 लाख मीट्रिक टन खाद
Fertiliser plant in Assam: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के डिब्रूगढ़ जिले में 10,601 करोड़ रुपये के ब्राउनफील्ड अमोनिया यूरिया प्लांट की आधारशिला रखी है. कहा जा रहा है कि यह प्लांट सालाना 12 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा यूरिया का उत्पादन करेगा.
फसलों में इस्तेमाल होने वाली यूरिया खाद की किल्लत खत्म होने वाली है. क्योंकि, हाल ही में रूस में नया प्लांट लगाने को सहमति बनी है और अब असम में नया फर्टिलाइजर प्लांट लगाया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के डिब्रूगढ़ जिले में 10,601 करोड़ रुपये के ब्राउनफील्ड अमोनिया यूरिया प्लांट की आधारशिला रखी है. कहा जा रहा है कि यह प्लांट सालाना 12 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा यूरिया का उत्पादन करेगा. इससे यूरिया की उपलब्धता बढ़ेगी और किल्लत खत्म होने के साथ ही विदेशी आयात की निर्भरता खत्म होगी.
पीएम मोदी ने असम वैली फर्टिलाइजर एंड केमिकल कंपनी लिमिटेड (AVFCCL) की आधारशिला रखी है. इसकी सालाना यूरिया उत्पादन क्षमता 12.7 लाख मीट्रिक टन होगी और यह प्रोजेक्ट 2030 में चालू होने वाला है. आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह आने वाली सुविधा असम, पूर्वोत्तर क्षेत्र, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश की उर्वरक आवश्यकता को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.
सालाना 12.7 लाख मीट्रिक टन की यूरिया उत्पादन होगा
इस साल जुलाई में AVFCCL को डिब्रूगढ़ के नम्रूप में शामिल किया गया था. इस प्रोजेक्ट को इस साल मार्च में केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दी थी. AVFCCL असम सरकार, ऑयल इंडिया, नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (NFL), हिंदुस्तान उर्वरक एंड रसायन लिमिटेड (HURL) और BVFCL का एक जॉइंट वेंचर है.
- पीएम फसल बीमा योजना में बड़ा घोटाला, जालसाजों ने 5 करोड़ रुपये हड़पे.. 26 पर एक्शन और एक सस्पेंड
- प्रदूषण से 2022 में 17 लाख भारतीयों की मौत, पराली बनी वजह या कोई और है कारण, यहां जानिए
- आठवें वेतन आयोग से कितनी बढ़ेगी सैलरी? वेतन दोगुना होगा या भत्ते बढ़ेंगे.. जानिए पूरा गणित
- 60 फीसदी छोटे किसानों तक नहीं पहुंच पा रही वित्तीय मदद, पैसा हासिल करना बन रहा चुनौती
कंपनी ने एक बयान में कहा कि AVFCCL नम्रूप अमोनिया-यूरिया प्रोजेक्ट को 10,601 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश पर 12.7 लाख मीट्रिक टन की सालाना यूरिया उत्पादन क्षमता के साथ एक आधुनिक, ऊर्जा-कुशल, विश्व स्तरीय फर्टिलाइजर कॉम्प्लेक्स के रूप में स्थापित किया जा रहा है.
BVFCL पूर्वी भारत में यूरिया बनाने वाला इकलौता प्लांट
राज्य की ओर से संचालित BVFCL पूर्वी भारत में यूरिया बनाने वाली एकमात्र सुविधा है. इसे भारत में अपनी तरह की पहली फैक्ट्री बताया जा रहा है जो नाइट्रोजन उर्वरक बनाने के लिए बेसिक कच्चे माल के रूप में एसोसिएटेड नेचुरल गैस का इस्तेमाल करती है. कंपनी ने यह भी कहा कि यह प्लांट कृषि समृद्धि का एक नया अध्याय शुरू करेगा.
नीम कोटेड यूरिया और लिक्विड फर्टिलाइजर बनाई जा रही
अधिकारियों ने कहा कि कंपनी ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास में और किसानों को यूरिया उर्वरक प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो सस्ते और स्थानीय रूप से उपलब्ध घरेलू प्राकृतिक गैस से बनाया जाता है. उर्वरक विभाग की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार कंपनी अब नीम कोटेड यूरिया और दो ऑर्गेनिक उर्वरक लिक्विड बायो फर्टिलाइजर और वर्मी कम्पोस्ट ‘मुक्ता’ ब्रांड नाम के तहत बना रही है.