पौधों को कीड़ों से बचाएं देसी तरीके से, घर पर बनाएं 3 असरदार ऑर्गेनिक कीटनाशक

बहुत से लोग अब अपने घर की बालकनी, छत या छोटे आंगन में सब्जियां, फल और मसाले उगा रहे हैं. घर पर उगाए गए पौधे न सिर्फ ताजे और स्वादिष्ट होते हैं बल्कि पूरी तरह से रसायनमुक्त (ऑर्गेनिक) होने के कारण स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद होते हैं.

नई दिल्ली | Published: 4 Nov, 2025 | 03:09 PM

Gardening Tips: आज के समय में जब सब्जियों और फलों में केमिकल की मात्रा बढ़ती जा रही है, ऐसे में किचन गार्डनिंग लोगों के बीच एक नया ट्रेंड बन गया है. बहुत से लोग अब अपने घर की बालकनी, छत या छोटे आंगन में सब्जियां, फल और मसाले उगा रहे हैं. घर पर उगाए गए पौधे न सिर्फ ताजे और स्वादिष्ट होते हैं बल्कि पूरी तरह से रसायनमुक्त (ऑर्गेनिक) होने के कारण स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद होते हैं. लेकिन इन पौधों की सबसे बड़ी चुनौती होती है कीड़े-मकौड़ों से बचाव. ऐसे में घर पर बने देसी कीटनाशक आपके पौधों के सबसे अच्छे रक्षक साबित हो सकते हैं.

ऑर्गेनिक कीटनाशक क्यों जरूरी हैं

बाजार में मिलने वाले रासायनिक कीटनाशक पौधों को अस्थायी रूप से तो सुरक्षित कर देते हैं, लेकिन लंबे समय में ये मिट्टी की गुणवत्ता को खराब कर देते हैं और पौधों के पोषक तत्वों को कम कर देते हैं. वहीं, देसी ऑर्गेनिक कीटनाशक पर्यावरण के अनुकूल होते हैं और पौधों की जड़ों व पत्तियों को बिना नुकसान पहुंचाए कीड़ों को खत्म कर देते हैं. ये सस्ते भी होते हैं और इन्हें घर पर ही आसानी से बनाया जा सकता है.

नीम का जादुई घोल

नीम को प्रकृति का सबसे असरदार कीटनाशक माना जाता है. इसके तेल में ऐसे तत्व होते हैं जो पौधों पर लगने वाले छोटे-छोटे कीटों, एफिड्स, माइट्स और फफूंद को खत्म कर देते हैं.

कैसे बनाएं: एक लीटर गुनगुने पानी में दो चम्मच नीम तेल और कुछ बूंदें हल्के साबुन की मिलाएं. इसे अच्छी तरह झटका कर स्प्रे बोतल में भर लें और पौधों की पत्तियों पर हल्का छिड़काव करें. इसे हर 7-10 दिन में दोहराने से पौधे हरे-भरे और कीट-मुक्त रहेंगे.

लहसुन-मिर्च का देसी नुस्खा

पुराने समय में किसान कीड़ों से फसल बचाने के लिए लहसुन और मिर्च का मिश्रण इस्तेमाल करते थे. यह तरीका आज भी उतना ही असरदार है.

कैसे बनाएं: कुछ लहसुन की कलियां और दो-तीन हरी मिर्च को एक लीटर पानी में ब्लेंड करें. फिर इस मिश्रण को छानकर स्प्रे बोतल में भरें और पौधों पर छिड़क दें. इसकी तेज गंध और स्वाद के कारण कीड़े दूर भाग जाते हैं और पौधे स्वस्थ रहते हैं.

गौमूत्र

गौमूत्र में प्राकृतिक रोगनाशी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं. इसे खेती में सदियों से उपयोग किया जाता रहा है.

कैसे बनाएं: लगभग 900 मिली पानी में 100 मिली ताजा गौमूत्र मिलाकर एक हल्का घोल तैयार करें. इस मिश्रण को पौधों पर सप्ताह में एक या दो बार छिड़कें. यह न केवल कीटों से बचाव करता है बल्कि पौधों की वृद्धि और मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ाता है.

ध्यान रखें ये जरूरी बातें

घर पर बने किसी भी कीटनाशक का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा एक पौधे या छोटे हिस्से पर ट्रायल करें. अगर कोई नुकसान नहीं होता, तब पूरे गार्डन में छिड़कें. दोपहर की तेज धूप में स्प्रे करने से बचें क्योंकि गर्मी में घोल का असर कम हो जाता है. सुबह या शाम का समय सबसे उचित होता है. नियमित प्रयोग से आपके पौधे स्वस्थ, चमकदार और लंबे समय तक हरे-भरे बने रहेंगे.

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