महाराष्ट्र में हर दो किलोमीटर पर बनेगा AI स्टेशन, बढ़ेगी गन्ने की पैदावार

माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी कंपनी पहले ही AI के जरिए गन्ने की खेती में काम कर रही है. उनका कहना है कि इस तकनीक से गन्ने की पैदावार 30 फीसदी बढ़ सकती है और पानी की जरूरत आधी हो जाएगी.

नई दिल्ली | Published: 11 Jun, 2025 | 12:10 PM

महाराष्ट्र में गन्ने की खेती को लेकर एक नई उम्मीद जग रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) यानी कंप्यूटर की मदद से खेती करने से गन्ने की पैदावार 30 फीसदी तक बढ़ाई जा सकती है और पानी की खपत भी आधी हो सकती है. इससे किसानों को फायदा होगा और चीनी मिलें भी ज्यादा समय तक काम कर सकेंगी.

हाल ही में पुणे में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार के साथ एक बैठक हुई. इसमें AI के जरिए गन्ने की खेती को बेहतर बनाने पर चर्चा हुई. इसके बाद वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट और कृषि विकास ट्रस्ट ने मिलकर एक समझौता किया ताकि ये नई तकनीक ज्यादा से ज्यादा किसानों तक पहुंच सके.

माइक्रोसॉफ्ट कर रही है मदद

माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी कंपनी पहले ही AI के जरिए गन्ने की खेती में काम कर रही है. उनका कहना है कि इस तकनीक से गन्ने की पैदावार 30 फीसदी बढ़ सकती है और पानी की जरूरत आधी हो जाएगी. इससे किसानों को फायदा मिलेगा और चीनी मिलों के नुकसान भी कम होंगे. वहीं महाराष्ट्र में 40 चीनी मिलें, जिनका वसंतदादा संस्थान से कोई कर्ज नहीं है, इस योजना में शामिल होंगी.

दो किलोमीटर पर बनेगा AI स्टेशन

किसानों के करीब हर दो किलोमीटर पर एक AI स्टेशन लगाया जाएगा जो खेती से जुड़ी जानकारी देगा. ये स्टेशन मौसम का अंदाजा लगाएगा, मिट्टी की जांच करेगा, पानी देने का सही समय बताएगा और कीटनाशकों के इस्तेमाल को नियंत्रित करेगा. इससे किसानों को सही समय पर सही मदद मिलेगी.

महाराष्ट्र में पिछले कुछ समय से कम बारिश के कारण गन्ने की पैदावार कम हो गई है. अब तक प्रति एकड़ 73 टन गन्ना होता था, लेकिन AI की मदद से इसे 150 टन तक बढ़ाया जा सकता है. वहीं किसानों को खेतों में ड्रिप सिंचाई लगानी होगी ताकि पानी की बचत हो सके. उम्मीद है कि अगस्त के अंत तक पहली AI सुविधा शुरू हो जाएगी. इस तकनीक से किसानों की मेहनत कम होगी, पैदावार बढ़ेगी और महाराष्ट्र की गन्ना उद्योग को नई ताकत मिलेगी.