धान की फसल को तने से कमजोर करता है भूरा फुदका, पौधों के सूखने से पहले किसान कर लें बचाव

धान की फसल में भूरा फुदका कीट का प्रकोप बहुत ज्यादा है तो उसके रोकथाम के लिए किसानों को कीटनाशक का इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है. इस कीट के प्रकोप से पौधे पीड़े पड़ने के बाद सूखने लगते हैं

नोएडा | Published: 25 Aug, 2025 | 05:41 PM

भारत में किसान बड़े पैमाने पर धान की खेती करते हैं. मॉनसून सीजन की शुरुआत होते ही किसान खेतों में धान की रोपाई कर चुके हैं. यह समय धान की फसल के लिए बेहद ही संवेदनशील है क्योंकि इस समय फसल बढ़ रही है. बरसात के दिनों में अकसर खेत में नमी के कारण फसल में कीटों और रोगों के आक्रमण का खतरा हो जाना आम बात होती है.  ऐसा ही एक खतरनाक कीट है भूरा फुदका (Brown Hopper), जो धान की फसल को जड़ से कमजोर बनाता है और आगे जाकर फसल खराब हो जाती है. जिसके कारण किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में किसानों के लिए बेहद जरूरी है कि वे समय रहते इस कीट से फसल को बचाने के उपाय कर लें.

तने का रस चूसकर पहुंचाता है नुकसान

धान की फसल को नुकसान पहुंचाने वाला भूरा फुदका कीट बेहद ही खतरनाक कीट है. देखने में ये कीट बहुत छोटा सा होता है लेकिन फसल को बड़ा नुकसान पहुंचाता है. इसकी पहचान है कि ये कीट मिट्टी के ऊपर पौधों के मजबूत तनों से चिपककर उनका रस चूसता है. जिसके कारण पौधा कमजोर हो जाता है और आगे जाकर कुछ समय बाद पौधा मुरझाकर गिर जाता है. इसके साथ ही अगर किसान समय रहते इस कीट पर ध्यान न दें तो यह बहुत ही जल्दी खेत में फैलने लगता है. इस कीट की खासियत है कि ये धान की फसल को गोल आकार में चपेट लेता है, साथ ही फसल पर लार भी छोड़ता है. जिसके कारण कई अन्य पौधे की भी इसकी चपेट में आ जाते हैं.

नाइट्रोजन के इस्तेमाल से आकर्षित होता है कीट

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नाइट्रेजन की ज्यादा मात्रा के कारण भी भूरा फुदका धान की फसल की ओर आकर्षित होता है. दरअसल, फसलों की बेहतर ग्रोथ के लिए पोषण की जरूरत होती है और नाइट्रोजन उनमें से एक है.  लेकिन कई बार फसलों को ज्यादा मात्रा में नाइट्रोजन देने के कारण भूरा फुदका कीट धान की फसल की ओर आकर्षित हो जाता है. साथ ही अगर धान की फसल बहुत घनी है तो उसमें हवा की आवाजाही कम हो जाती है, इस कारण से भी ये कीट फसल में आसानी से फैल जाते हैं. इस कीट के प्रकोप से पौधे पीड़े पड़ने के बाद सूखने लगते हैं और पत्तियों पर सफेद धब्बे दिखने के साथ ही दानों का आकार भी छोटा हो जाता है.

बचाव के लिए करें कीटनाशक का इस्तेमाल

अगर धान की फसल में भूरा फुदका कीट का प्रकोप बहुत ज्यादा है तो उसके रोकथाम के लिए किसानों को कीटनाशक का इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है. धान की फसल को इस कीट से बचाने के लिए 250 लीटर पानी में 100 ग्राम थायमैथाक्सम (Thiamethoxam) दवा को मिलाकर फसल पर इसके घोल का छिड़काव करें. दवा के छिड़काव के समय किसान इस बात का ध्यान रखें कि जिस जगह पर भूरा फुदका का प्रकोप दिख रहा हो वहां गोले के आकार में बाहर से अंदर की ओर दवा का छिड़काव करें. इसके बाद पूरे खेत में दवा का छिड़काव कर दें.

Published: 25 Aug, 2025 | 05:41 PM