सांप के काटने के नाम पर 11 करोड़ का घोटाला, 280 बार मरे 47 लोग!

रिपोर्ट के मुताबिक, एक महिला द्वारका बाई को सांप के काटने से 29 बार मरा हुआ दिखाया गया. उसके नाम पर 1.16 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई.

नई दिल्ली | Published: 26 May, 2025 | 09:30 AM

मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में एक चौंकाने वाला घोटाला सामने आया है. इस घोटाले में सांप के काटने और डूबने से मौत के नाम पर तीन साल में 47 लोगों को 280 बार मरा हुआ दिखा दिया गया. हर बार मौत पर सरकार की ओर से 4 लाख रुपये की राहत राशि जारी की गई. इस तरह 11 करोड़ रुपये से ज्यादा की हेराफेरी कर दी गई.

घोटाले की पोल ऐसे खुली

यह मामला तब सामने आया जब राजस्व और लेखा विभाग ने नवंबर 2022 में ऑडिट किया. जांच में सामने आया कि 2019 से 2022 के बीच 280 बार सांप के काटने से मौत दिखाई गई, लेकिन असल में सिर्फ 47 लोग ही इन रिकॉर्ड्स में थे. मतलब एक ही व्यक्ति को कई बार मृत दिखा कर पैसा लिया गया.

जांच अधिकारी रोहित सिंह कौशल के अनुसार, “प्राकृतिक आपदा राहत योजना के तहत सांप के काटने या डूबने से मरे व्यक्ति के परिजनों को 4 लाख रुपये दिए जाते हैं. लेकिन इस मामले में एक ही नाम से बार-बार पैसा निकाल लिया गया.”

एक महिला को 29 बार मरा दिखाया गया!

रिपोर्ट के मुताबिक, एक महिला द्वारका बाई को सांप के काटने से 29 बार मरा हुआ दिखाया गया. उसके नाम पर 1.16 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई. इसी तरह एक पुरुष श्रीराम को 28 बार मृत दिखा कर 1.12 करोड़ रुपये निकाले गए.

क्लर्क निकला मास्टरमाइंड

इस घोटाले का मास्टरमाइंड कीवला तहसील कार्यालय में तैनात एक क्लर्क सचिन दहायत निकला. उसने इन 280 फर्जी मामलों को तैयार कर, राहत राशि अपने जान-पहचान वालों के खातों में ट्रांसफर कर दी. सचिन को सेवा से बर्खास्त कर गिरफ्तार कर लिया गया है. इस घोटाले में अब तक 20 से ज्यादा लोग पकड़े जा चुके हैं.

SDM और तहसीलदार भी घेरे में

सिवनी की जिलाधिकारी संस्कृति जैन ने बताया कि “साल 2019 से 2022 के बीच तहसीलदार और उप-जिलाधिकारी स्तर पर भी लापरवाही हुई. SDM अमित सिंह बमरोलिया और चार तहसीलदारों पर कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की गई है.”

प्रशासन अब यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि जिन लोगों को मरा दिखाया गया था, वे वास्तव में जिंदा हैं या नहीं. इसके लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट और डेथ सर्टिफिकेट खंगाले जा रहे हैं.