पालक की खेती से किसान कमा सकते हैं लाखों, जानें कैसे करें शुरुआत

पालक के पत्ते जितनी बार काटे जाते हैं, उतनी बार यह फिर से उग आते हैं. यानी एक बार बीज बोने के बाद कई बार कटाई करके अच्छी आमदनी ली जा सकती है.

नई दिल्ली | Published: 2 Jul, 2025 | 03:43 PM

हर मौसम में कमाई की फसल उगाने की चाह रखने वाले किसानों के लिए पालक एक शानदार विकल्प हो सकता है. सर्दियों की इस हरी-ताजी सब्जी की मांग न सिर्फ घरेलू बाजार में बल्कि होटल, रेस्तरां, स्कूल-कैंटीन और बड़े शहरों की मंडियों में भी लगातार बनी रहती है. खास बात ये है कि पालक की खेती कम समय और कम खर्च में तैयार हो जाती है, लेकिन मुनाफा भारी देती है. तो चलिए जानते हैं पालक की खेती करने से पहले कुछ जरूरी बातें.

क्यों करें पालक की खेती?

पालक एक ऐसी फसल है जिसे छोटे किसान से लेकर बड़े किसान तक आसानी से उगा सकते हैं. यह फसल महज 30-40 दिनों में तैयार हो जाती है और इसकी कटाई भी एकदम आसान होती है. पालक के पत्ते जितनी बार काटे जाते हैं, उतनी बार यह फिर से उग आते हैं. यानी एक बार बीज बोने के बाद कई बार कटाई करके अच्छी आमदनी ली जा सकती है.

किस मौसम में और कैसी जमीन चाहिए?

पालक की खेती के लिए सर्दी का मौसम सबसे अनुकूल होता है. अक्टूबर से फरवरी तक का समय इसके लिए बेहतरीन रहता है. हालांकि, इसे कंटेनर, गमले या घर की छत पर भी उगाया जा सकता है. खेती के लिए जल निकासी वाली दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है. आश्चर्य की बात यह है कि पालक उन जगहों पर भी खूब उगता है जहां दूसरी फसलें नहीं होतीं.

पालक की किस्में

अगर आप उच्च उत्पादन चाहते हैं तो पूसा हरित, पूसा ज्योति, पूसा ऑलग्रीन और पूसा पालक जैसी किस्में चुन सकते हैं. ये किस्में कम समय में अच्छी उपज देती हैं और रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी इनमें बेहतर होती है.

खाद और जैविक उपाय

पालक की खेती में नाइट्रोजन की जरूरत अधिक होती है, लेकिन जैविक खेती करने वाले किसान वर्मी कंपोस्ट या जीवामृत जैसे प्राकृतिक विकल्पों से भी अच्छा उत्पादन ले सकते हैं. खासकर यदि आप बार-बार पत्ते काटने की योजना बना रहे हैं, तो जैविक खाद फसल की गुणवत्ता को बनाए रखती है.

बीज और उत्पादन

एक हेक्टेयर खेत के लिए लगभग 30 से 32 किलो बीज की जरूरत होती है. अगर देखभाल सही हो तो प्रति हेक्टेयर 150 से 200 क्विंटल तक पालक का उत्पादन संभव है. यानी थोड़ी मेहनत और सही तकनीक के साथ पालक की खेती से किसान शानदार आमदनी कर सकते हैं.