80 रुपये किलो तक पहुंचा टमाटर का दाम, इन वजहों से 15 दिनों में दोगुनी हुई कीमत

सरकारी आंकड़े बताते हैं कि पिछले 10 से 15 दिनों में पूरे देश में टमाटर की कीमतों में तेज बढ़ोतरी हुई है. एक महीने में कई राज्यों में कीमतें कई गुना बढ़ गई हैं, जिससे आम आदमी का बजट पूरी तरह बिगड़ गया है. वहीं शादी समारोह का सीजन और त्योहारों से पहले बढ़ी मांग ने भी टमाटर को और महंगा कर दिया है.

नई दिल्ली | Published: 20 Nov, 2025 | 10:32 AM

Tomato Price: टमाटर, जो कभी रोज की रसोई में आम और सस्ता साथी था, आज अचानक इतना अनमोल हो गया है कि सब्जी खरीदने वालों की सांसें थम जा रही हैं. कुछ दिन पहले तक 30–35 रुपये किलो मिलने वाला टमाटर, आज कई शहरों में 70–80 रुपये किलो पर पहुंच चुका है. बाजार में पहुंचते ही टमाटर की हर खेप चुटकियों में बिक जाती है और लोग कीमत सुनकर हैरान रह जाते हैं. दरअसल, इसकी वजह है- अक्टूबर महीने में हुई सामान्य से ज्यादा बारिश, जिसने टमाटर की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया. इसके बाद बाजारों में सप्लाई कम हो गई और कीमतें तेजी से बढ़ने लगीं. शादी समारोह का सीजन और त्योहारों से पहले बढ़ी मांग ने भी टमाटर को और महंगा कर दिया है.

कीमतों में तेज उछाल और बाजार की स्थिति

सरकारी आंकड़े बताते हैं कि पिछले 10 से 15 दिनों में पूरे देश में टमाटर की कीमतों में तेज बढ़ोतरी हुई है. एक महीने में कई राज्यों में कीमतें कई गुना बढ़ गई हैं, जिससे आम आदमी का बजट पूरी तरह बिगड़ गया है. चंडीगढ़ में कीमतों में 112 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक जैसे प्रमुख उत्पादन राज्य भी इस महंगाई की मार से नहीं बच सके. खुदरा बाजारों में अच्छी गुणवत्ता वाले टमाटर की कीमत 70 से 80 रुपये किलो तक पहुंच गई है. शादी का सीजन और नया साल नजदीक होने के कारण मांग बढ़ी है, जिससे कीमतों पर और दबाव पड़ा है.

अक्टूबर की बारिश

इस अचानक आई महंगाई का सबसे बड़ा कारण अक्टूबर में हुई सामान्य से अधिक बारिश को माना जा रहा है. कई राज्यों में लगातार हुई भारी बारिश से टमाटर की खड़ी फसल को गहरा नुकसान पहुंचा. खेतों में सड़ चुकी फसल और खराब हुई सप्लाई व्यवस्था ने बाजार की स्थिति बद से बदतर कर दी. दिल्ली के आजादपुर मंडी में कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे प्रमुख राज्यों से आने वाले टमाटर के ट्रकों की संख्या आधी रह गई है. इससे न सिर्फ थोक बाजार में, बल्कि खुदरा बाजार में भी टमाटर की उपलब्धता बेहद कम हो गई है.

शादियों का सीजन और मांग में बढ़ोतरी

इसी दौरान देशभर में शादी-ब्याह का सिलसिला शुरू हो चुका है. शादियों में बड़ी मात्रा में सब्जियों, खासकर टमाटर की जरूरत होती है. साथ ही क्रिसमस और नए साल के कार्यक्रमों की तैयारियों से भी मांग बढ़ी है. कम सप्लाई और ज्यादा मांग ने मिलकर टमाटर की कीमतों को आसमान पर पहुंचा दिया है. कई दुकानदारों का कहना है कि जैसे ही नई खेप आती है, कुछ ही घंटों में बिक जाती है.

सब्जियों की महंगाई ने बदला महंगाई का रुझान

पिछले कुछ महीनों में टमाटर, प्याज और आलू की कीमतें काफी कम थीं, जिससे खुदरा महंगाई दर में संतुलन बना हुआ था. अक्टूबर में इन सब्जियों की कीमतों में भारी गिरावट देखी गई थी. लेकिन तेज बारिश और आपूर्ति में अचानक आई कमी ने फिर से सब्जियों के दाम बढ़ा दिए. टमाटर की महंगाई अक्टूबर में -42.9 प्रतिशत थी, जो अब तेजी से ऊपर जा रही है. यह बदलाव दिखाता है कि मौसम और सप्लाई का बाजार पर कितना असर पड़ता है.

आने वाले दिनों में क्या स्थिति रह सकती है

विशेषज्ञों का कहना है कि नई फसल बाजार में आने में अभी कुछ समय लगेगा. जब तक सप्लाई सामान्य नहीं होती, कीमतों में राहत मिलना मुश्किल है. शादी के सीजन की मांग कुछ दिनों तक और बनी रहेगी, जिससे टमाटर की कीमतों में गिरावट की उम्मीद फिलहाल कम है. कई किसान भी बेमौसमी बारिश से उबरने और नई फसल तैयार करने में लगे हैं.

Topics: