कर्नाटक जाएंगे शिवराज सिंह चौहान, सुपारी किसानों की समस्याओं का करेंगे समाधान
कर्नाटक देश का सबसे बड़ा सुपारी उत्पादक राज्य है, लेकिन यहां के किसान इन दिनों कई चुनौतियों से जूझ रहे हैं, फसलों पर रोग, दाम में असमानता और अवैध आयात जैसी समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं. इन हालातों को देखते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद कर्नाटक का दौरा करने का ऐलान किया है.
भारत में सुपारी की खेती न सिर्फ किसानों की आजीविका से जुड़ी है, बल्कि इसका धार्मिक, सांस्कृतिक और औषधीय महत्व भी है. कर्नाटक देश का सबसे बड़ा सुपारी उत्पादक राज्य है, लेकिन यहां के किसान इन दिनों कई चुनौतियों से जूझ रहे हैं, फसलों पर रोग, दाम में असमानता और अवैध आयात जैसी समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं. इन हालातों को देखते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद कर्नाटक का दौरा करने का ऐलान किया है. उनका कहना है कि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की मदद से एक ठोस योजना बनाई जाएगी, ताकि सुपारी किसानों को राहत दी जा सके और इस उद्योग को नई दिशा मिल सके.
सुपारी का महत्व
सुपारी भारत की एक महत्वपूर्ण नकदी फसल है, जिसका धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व है. शादी-ब्याह और पूजा से लेकर आयुर्वेदिक और पशु चिकित्सा दवाओं तक, सुपारी का व्यापक उपयोग होता है. भारत दुनिया का सबसे बड़ा सुपारी उत्पादक देश है, जो वैश्विक उत्पादन का करीब 63 प्रतिशत अकेले करता है. साल 2023-24 में देशभर में करीब 14 लाख टन सुपारी का उत्पादन हुआ, जिसमें से सबसे बड़ा हिस्सा कर्नाटक (10 लाख टन) से आया.
किसानों की चुनौतियां
- बैंगलुरु और मलनाड क्षेत्र के सुपारी किसान कई मुश्किलों से जूझ रहे हैं.
- फसलों पर लगने वाले रोग और वायरल संक्रमण
- अवैध आयात से बाजार में गड़बड़ी
- नमी की समस्या
- छोटे और बड़े दानों के दाम में भारी अंतर
इन्हीं समस्याओं पर चौहान ने नई दिल्ली में हुई उच्चस्तरीय बैठक में चर्चा की और भरोसा दिलाया कि किसानों और उद्योग से जुड़े सभी मुद्दों का समयबद्ध समाधान किया जाएगा.
मुआवजे पर विचार
सुपारी के पौधों पर फैल रहे रोगों से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. चौहान ने कहा कि वैज्ञानिक टीमें इस समस्या पर काम कर रही हैं और सरकार किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए उपयुक्त मुआवजे पर गंभीरता से विचार कर रही है.
डब्ल्यूएचओ रिपोर्ट पर स्थिति साफ
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट ने सुपारी को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा कर दी थी. चौहान ने बताया कि इस विषय पर ICAR (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) के वैज्ञानिक अध्ययन कर रहे हैं और तय समय में अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे, ताकि गलतफहमियों को दूर किया जा सके.
बड़ी संख्या में लोग जुड़े
प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो के मुताबिक, भारत में सुपारी उत्पादन का मौजूदा बाजार मूल्य करीब 58,664 करोड़ रुपये है. अनुमान है कि देशभर में करीब 60 लाख लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सुपारी की खेती और व्यापार पर निर्भर हैं.
बैठक में उठे अहम मुद्दे
नई दिल्ली में हुई बैठक में केंद्रीय मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी, प्रह्लाद जोशी, सुपारी उत्पादक क्षेत्रों के सांसद और कई मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. सभी ने मिलकर किसानों की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की.