मिलेट्स खरीद शुरू.. महिला किसानों को प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा, चौलाई-मंडुआ का भाव तय

राज्य मिलेट मिशन योजना के अंतर्गत पर्वतीय क्षेत्रों के किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य  दिलाने के उद्देश्य से खरीफ खरीद सत्र 2025-26 में खरीद शुरू की जा रही है. राज्य सरकार ने मिलेट फसलों की खरीद के लिए भाव भी तय कर दिए हैं.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 12 Oct, 2025 | 06:53 PM

खरीफ फसलों की तेजी से सरकारी शुरू हो चुकी है. उत्तराखंड में खरीफ सीजन में बोई गई मिलेट्स फसलों की खरीद की जा रही है और किसानों न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ दिया जा रहा है. राज्य सरकार ने चौलाई के लिए किसानों को 50 रुपये प्रति किलो का भाव तय किया है. जबकि, मंडुआ के लिए 48.86 रुपये प्रति किलो मूल्य दिया जा रहा है. इसी तरह सोयाबीन, झंगौरा जैसी पौष्टिक फसलों के लिए किसानों को ऊंचे दाम दिए जा रहे हैं. वहीं, दूरस्थ क्षेत्रों की महिलाओं खरीद केंद्र पर उपज बिक्री के लिए आती हैं तो उन्हें 1 रुपये प्रति किलो प्रोत्साहन दिया जा रहा है.

उत्तराखंड सरकार ने खरीफ खरीद सीजन 2025-26 की फसलों की खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.  राज्य के जिलों में मंडियों और खरीद केंद्रों पर व्यापक स्तर पर खरीद शुरू की जा रही है. उत्तराखण्ड राज्य सहकारी संघ लिमिटेड (यूसीएफ) की ओर से सहकारी समितियों के माध्यम से दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों से मंडुवा (रागी), झंगोरा, चौलाई और सोयाबीन जैसी पौष्टिक फसलों की खरीद करने के लिए व्यवस्था की गई है.

सहकारी समतियों को मिली उपज खरीद की जिम्मेदारी

राज्य मिलेट मिशन योजना के अंतर्गत पर्वतीय क्षेत्रों के किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य  दिलाने के उद्देश्य से खरीफ खरीद सत्र 2025-26 में खरीद शुरू की जा रही है. उत्तराखण्ड राज्य सहकारी संघ लिमिटेड (यूसीएफ) ने सहकारी समितियों को खरीद की जिम्मेदारी सौंपी है. खासतौर पर दूरस्थ ग्रामीण पहाड़ी क्षेत्रों के किसानों से मंडुवा (रागी), झंगोरा, चौलाई और सोयाबीन जैसी पौष्टिक फसलों की खरीद पक्की जा रही है.

राज्य मिलेट मिशन योजना के तहत फसलों की खरीद

राज्य मिलेट मिशन योजना के तहत उपज खरीद के लिए अकेले चम्पावत जिले में कुल 22 क्रय केंद्र स्थापित कर इनमें इन फसलों की खरीद शुरू हो गई है. जबकि, इसी तरह अन्य जिलों में भी बड़ी संख्या में खरीद केंद्र बनाए गए हैं, जहां पर किसानों से फसलों की खरीद की जा रही है. इन केंद्रों पर किसानों के लिए समुचित ठहरने और उपज रखवाने की भी व्यवस्था की गई है. ताकि, अगर किसानों को दिनभर का समय बिक्री करने में लगता है तो उसे दिक्कत न हो.

खरीद केंद्र पर सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होगी खरीद

जिले के सहायक निबन्धक अधिकारी प्रेम कुमार बयान में कहा कि राज्य  मिलेट्स मिशन योजना के अंतर्गत पर्वतीय क्षेत्रों में उत्पादित मंडवा, झंगोरा, चौलाई, सोयाबीन, आदि फसलों की खरीद के लिए जिले में साधन सहकारी समितियों के 22 केंद्र  खोले गए हैं, जिनमें चम्पावत, हरतोला, मंच, सीमियां, सिप्टी, कोट अमोड़ी, धूरा, चानमारी, धरमघर, दिगालीचौड़, खतेड़ा, ड्मडई, बाराकोट, बापरू, इन्द्रपूरी, वल्सों, बांजगांव, गोशनी, रौलमेल, देवीधूरा, दूबड़ एवं चौड़ामेहता  सम्मलित हैं, जिनमें प्रतिदिन प्रातः 10 बजे से सांय 5 बजे तक तय भाव पर खरीद की जा रही है.

women farmers incentives price

मिलेट फसलों को बोरी में लेकर बिक्री करने जाता किसान परिवार.

फसलों का खरीद भाव तय, महिलाओं को प्रोत्साहन राशि

अधिकारी ने कहा कि सरकार ने इस वर्ष मंडुवा के लिए 48.86 रुपये प्रति किलोग्राम भाव तय किया है. जबकि, झंगोरा के िलए 25 रुपये प्रति किलोग्राम, चौलाई के िलए 50 रुपये प्रति किलोग्राम मूल्य तय किया गया है. इसी तरह सोयाबीन फसल के लिए किसानों को 40 रुपये प्रति किलोग्राम का भाव दिया जा रहा है. वहीं, दूरस्थ क्षेत्रों की महिलाओं खरीद केंद्र पर उपज बिक्री के लिए आती हैं तो उन्हें 1 रुपये प्रति किलो प्रोत्साहन दिया जा रहा है.

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Published: 12 Oct, 2025 | 06:49 PM

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