809 करोड़ की राहत, फिर भी सवाल बरकरार…क्या हर प्याज किसान तक पहुंची सरकारी मदद?
फरवरी से अक्टूबर 2025 के बीच हुई इन प्राकृतिक आपदाओं से राज्य में करीब 2.99 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज की फसल बर्बाद हो गई. हालात की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए बड़े पैमाने पर मुआवजा देने की घोषणा की है.
Maharashtra News: महाराष्ट्र में इस साल मौसम ने किसानों की कमर तोड़ दी है. कभी बेमौसम बारिश, कभी अचानक बाढ़ तो कहीं तेज मूसलाधार बरसात ने खेतों में खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया. सबसे ज्यादा असर प्याज की खेती पर पड़ा है, जो राज्य के लाखों किसानों की आमदनी का मुख्य साधन मानी जाती है. फरवरी से अक्टूबर 2025 के बीच हुई इन प्राकृतिक आपदाओं से राज्य में करीब 2.99 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज की फसल बर्बाद हो गई. हालात की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए बड़े पैमाने पर मुआवजा देने की घोषणा की है.
बेमौसम बारिश से तबाह हुई प्याज की फसल
महाराष्ट्र में आमतौर पर प्याज की खेती मौसम के तय चक्र पर निर्भर रहती है, लेकिन इस साल बारिश ने सारे अनुमान बिगाड़ दिए. कई इलाकों में उस समय बारिश हुई, जब फसल पकने की कगार पर थी. खेतों में पानी भर गया, प्याज सड़ने लगी और किसानों की महीनों की मेहनत कुछ ही दिनों में मिट्टी में मिल गई. विशेषज्ञों का कहना है कि बार-बार हो रहे मौसम के बदलाव ने खेती को और ज्यादा जोखिम भरा बना दिया है.
सरकार ने दी 809 करोड़ रुपये की राहत
राज्य सरकार के मुताबिक, मौसम से हुए नुकसान की भरपाई के लिए अब तक 809 करोड़ रुपये से अधिक की राहत राशि किसानों को दी जा चुकी है. यह सहायता उन किसानों के लिए है, जिनकी फसल पूरी तरह या आंशिक रूप से खराब हुई. सरकार का कहना है कि नुकसान का आकलन जिला स्तर पर किया गया और उसी आधार पर मुआवजे की राशि तय की गई. प्रशासन की ओर से यह भी दावा किया गया है कि राहत राशि सीधे किसानों के खातों में भेजी जा रही है, ताकि उन्हें जल्द से जल्द मदद मिल सके.
आपदा राहत कोष से मिला बड़ा बजट
केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 के लिए महाराष्ट्र सरकार को राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के तहत कुल 4,176.80 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है. इसमें 3,132.80 करोड़ रुपये केंद्र सरकार का अंश और 1,044.00 करोड़ रुपये राज्य सरकार का अंश शामिल है. इस आवंटन के तहत केंद्र सरकार ने अपनी हिस्सेदारी से पहली और दूसरी किस्त के रूप में 1,566.40 करोड़ रुपये प्रति किस्त पहले ही महाराष्ट्र को जारी कर दी है, ताकि प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों और अन्य जरूरतमंदों को समय पर राहत दी जा सके.
नासिक के किसानों की शिकायतें भी आईं सामने
हालांकि राहत की घोषणा के बावजूद नासिक जैसे प्रमुख प्याज उत्पादक जिलों से शिकायतें भी सामने आ रही हैं. कई किसानों का कहना है कि अब तक उन्हें मुआवजा नहीं मिला है, जबकि उनकी फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है. किसानों का आरोप है कि सर्वे में कई प्रभावित खेतों को शामिल ही नहीं किया गया, जिससे वे सरकारी मदद से वंचित रह गए. इसको लेकर किसान संगठनों ने प्रशासन से जल्द समाधान की मांग की है.
सरकार ने दिया भरोसा, जल्द सुलझेंगी शिकायतें
इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के कृषि मंत्री ने कहा है कि सरकार ने सभी पात्र किसानों को राहत देने का प्रयास किया है. जहां कहीं भी भुगतान अटका हुआ है या किसी तरह की तकनीकी दिक्कत है, उसे जल्द दूर किया जाएगा. उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अपनी शिकायतें संबंधित अधिकारियों के पास दर्ज कराएं, ताकि समय रहते उनका समाधान हो सके.