यूपी की 75 सूखी नदियां होंगी जिंदा, सरकार ने शुरू किया पुनर्जीवन मिशन
बरसों से सूख चुकी नदियां, जो कभी गांवों की जीवनरेखा थीं, अब या तो नाले बन चुकी हैं या पूरी तरह गायब हो चुकी हैं. इस पहल से न सिर्फ जल संकट से निपटा जा सकेगा, बल्कि जैव विविधता, कृषि और ग्रामीण आजीविका को भी नया सहारा मिलेगा.
उत्तर प्रदेश में नदियों को लेकर एक नई शुरुआत हो गई है. अब सिर्फ गंगा-यमुना ही नहीं, बल्कि प्रदेश की 75 छोटी नदियों और सहायक धाराओं को भी नया जीवन मिलने जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यह योजना एक मिशन मोड में शुरू की गई है, जिसमें तकनीकी संस्थानों से लेकर 10 विभागों तक की भागीदारी है.
तकनीकी सहयोग और विभागीय तालमेल
द इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार, इस अभियान में IIT कानपुर, IIT BHU, IIT रुड़की और BBAU लखनऊ जैसे शीर्ष तकनीकी संस्थान शामिल हैं, जो हर नदी के भूगोल, पारिस्थितिकी और सामाजिक संरचना का अध्ययन करके अलग-अलग प्लान बना रहे हैं. साथ ही, सिंचाई, लघु सिंचाई, पंचायती राज, वन, बागवानी, मत्स्य, नगर विकास, ग्रामीण विकास, जल संसाधन और राजस्व विभाग, सभी मिलकर जमीन पर काम को अंजाम दे रहे हैं.
जिला और मंडल स्तर पर निगरानी
हर मंडल में आयुक्त की अध्यक्षता में मॉनिटरिंग कमिटी बनाई गई है, जो काम की गुणवत्ता और समय पर प्रगति सुनिश्चित करेगी. वहीं जिला गंगा समितियों को स्थानीय निगरानी और जनभागीदारी को बढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई है, ताकि यह अभियान सिर्फ सरकार का नहीं, जनता का भी बने.
क्या होगा काम?
इन नदियों की सफाई, जल मार्गों का पुनर्निर्धारण, वर्षा जल संचयन और बड़े स्तर पर वृक्षारोपण किया जाएगा. यह सब MNREGA जैसी योजनाओं के माध्यम से 2018 में शुरू हुआ था, लेकिन अब यह तकनीकी रूप से और अधिक मजबूत हो चुका है.
क्यों जरूरी है यह पहल?
बरसों से सूख चुकी नदियां, जो कभी गांवों की जीवनरेखा थीं, अब या तो नाले बन चुकी हैं या पूरी तरह गायब हो चुकी हैं. इस पहल से न सिर्फ जल संकट से निपटा जा सकेगा, बल्कि जैव विविधता, कृषि और ग्रामीण आजीविका को भी नया सहारा मिलेगा.