ठंड में जमकर बढ़ेगा पशुओं का दूध… बस रोज खिलाएं ये चमत्कारी घास, रिजल्ट देख चौंक जाएंगे आप!

Dairy Farming Tips: सर्दियों में दुधारू पशुओं के लिए दूध उत्पादन बनाए रखना हर किसान के लिए चुनौती बन जाता है. ठंडी हवा, नमी और कम तापमान से उनकी ऊर्जा शरीर गर्म रखने में लग जाती है, जिससे दूध की मात्रा घटने लगती है. ऐसे में सही और पौष्टिक हरा चारा ही इस समस्या का हल बनता है. नेपियर घास, जो प्रोटीन, फाइबर और मिनरल्स से भरपूर है, ठंड में भी पशुओं को ताकत देती है, पाचन सुधारती है और दूध उत्पादन तेजी से बढ़ाती है. इस गाइड में जानिए नेपियर घास के फायदे और इसे सही तरीके से खिलाने के टिप्स.

Isha Gupta
नोएडा | Published: 7 Dec, 2025 | 02:53 PM
1 / 6सर्दियों में पशु अपनी अधिकांश ऊर्जा शरीर को गर्म रखने में खर्च कर देते हैं. ऐसे में अगर पौष्टिक चारा न मिले, तो दूध बनने के लिए जरूरी ऊर्जा कम पड़ जाती है और उत्पादन तेजी से घट जाता है.

सर्दियों में पशु अपनी अधिकांश ऊर्जा शरीर को गर्म रखने में खर्च कर देते हैं. ऐसे में अगर पौष्टिक चारा न मिले, तो दूध बनने के लिए जरूरी ऊर्जा कम पड़ जाती है और उत्पादन तेजी से घट जाता है.

2 / 6ठंड के मौसम में खांसी-जुकाम, थनैला, न्यूमोनिया और बुखार जैसी समस्याएं ज्यादा देखने को मिलती हैं. ये बीमारियां न सिर्फ पशु को कमजोर करती हैं, बल्कि दूध की मात्रा और गुणवत्ता दोनों कम कर देती हैं.

ठंड के मौसम में खांसी-जुकाम, थनैला, न्यूमोनिया और बुखार जैसी समस्याएं ज्यादा देखने को मिलती हैं. ये बीमारियां न सिर्फ पशु को कमजोर करती हैं, बल्कि दूध की मात्रा और गुणवत्ता दोनों कम कर देती हैं.

3 / 6एक्सपर्ट्स के अनुसार नेपियर घास सर्दियों में दूध बढ़ाने के लिए सबसे अच्छा विकल्प है. यह सस्ती भी है, पौष्टिक भी, और पशु इसे आसानी से खा लेते हैं. इसके प्रोटीन और फाइबर से पशु का शरीर मजबूत रहता है.

एक्सपर्ट्स के अनुसार नेपियर घास सर्दियों में दूध बढ़ाने के लिए सबसे अच्छा विकल्प है. यह सस्ती भी है, पौष्टिक भी, और पशु इसे आसानी से खा लेते हैं. इसके प्रोटीन और फाइबर से पशु का शरीर मजबूत रहता है.

4 / 6एक्सपर्ट बताते हैं कि साधारण घास की तुलना में नेपियर अधिक ऊंची, घनी और मुलायम होती है. इसकी खास किस्में—लाल नेपियर और हाइब्रिड नेपियर—सबसे ज्यादा पौष्टिक मानी जाती हैं और दूध उत्पादन पर तुरंत असर दिखाती हैं.

एक्सपर्ट बताते हैं कि साधारण घास की तुलना में नेपियर अधिक ऊंची, घनी और मुलायम होती है. इसकी खास किस्में—लाल नेपियर और हाइब्रिड नेपियर—सबसे ज्यादा पौष्टिक मानी जाती हैं और दूध उत्पादन पर तुरंत असर दिखाती हैं.

5 / 6नियमित रूप से नेपियर खिलाने पर 10–15 दिनों में ही परिणाम दिखने शुरू हो जाते हैं. यह घास शरीर को ताकत देती है, पाचन सुधारती है और वजन भी तेजी से बढ़ाती है, जिससे दूध बनने की क्षमता मजबूत होती है.

नियमित रूप से नेपियर खिलाने पर 10–15 दिनों में ही परिणाम दिखने शुरू हो जाते हैं. यह घास शरीर को ताकत देती है, पाचन सुधारती है और वजन भी तेजी से बढ़ाती है, जिससे दूध बनने की क्षमता मजबूत होती है.

6 / 6ताजा नेपियर घास को छोटे टुकड़ों में काटकर देना सबसे अच्छा होता है. इसे भूसे या अन्य चारे के साथ मिलाकर खिलाया जाए तो और अधिक फायदा मिलता है. लेकिन एक बार में बहुत ज्यादा देने से पेट फूलने की समस्या हो सकती है, इसलिए मात्रा नियंत्रित रखें (10–15 किलो प्रतिदिन).

ताजा नेपियर घास को छोटे टुकड़ों में काटकर देना सबसे अच्छा होता है. इसे भूसे या अन्य चारे के साथ मिलाकर खिलाया जाए तो और अधिक फायदा मिलता है. लेकिन एक बार में बहुत ज्यादा देने से पेट फूलने की समस्या हो सकती है, इसलिए मात्रा नियंत्रित रखें (10–15 किलो प्रतिदिन).

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