सर्दी शुरू होते घट जाता है दूध? पशुपालक आजमाएं ये 6 देसी फार्मूले तो बढ़ने लगेगा प्रोडक्शन!

Dairy Farming Tips: सर्दियों की दस्तक के साथ ही दुधारू पशुओं की सेहत पर इसका असर साफ दिखने लगता है. कम तापमान, ठंडी हवाएँ और नमी के कारण गाय-भैंस जैसे पशु जल्दी बीमार पड़ते हैं, जिससे उनका दूध उत्पादन आधा तक हो सकता है. ऐसे समय में पशुपालकों के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है पशुओं को ठंड से सुरक्षित रखना और उनका पोषण सही बनाए रखना. सही देखभाल, संतुलित आहार और कुछ पुराने देसी नुस्खे न सिर्फ पशुओं को स्वस्थ रखते हैं बल्कि ठंड में दूध उत्पादन भी स्थिर बनाए रखते हैं.

Isha Gupta
नोएडा | Published: 23 Nov, 2025 | 06:29 PM
1 / 6सर्दियों का मौसम सिर्फ इंसानों ही नहीं बल्कि दुधारू पशुओं के लिए भी चुनौती बन जाता है. अत्यधिक ठंड से गाय, भैंस और बकरियां सुस्त पड़ने लगती हैं, उनकी भूख कम हो जाती है और वे जल्दी बीमार होने लगती हैं. इसका सीधा असर उनके दूध उत्पादन पर पड़ता है.

सर्दियों का मौसम सिर्फ इंसानों ही नहीं बल्कि दुधारू पशुओं के लिए भी चुनौती बन जाता है. अत्यधिक ठंड से गाय, भैंस और बकरियां सुस्त पड़ने लगती हैं, उनकी भूख कम हो जाती है और वे जल्दी बीमार होने लगती हैं. इसका सीधा असर उनके दूध उत्पादन पर पड़ता है.

2 / 6ठंड में पशुओं को गर्म रखने के लिए शरीर को ज्यादा ऊर्जा चाहिए होती है. ऐसे में भूसा, सरसों की खली, गेहूं की दलिया और चोकर जैसे प्रोटीन से भरपूर आहार देना बहुत आवश्यक है. ऐसा आहार पशुओं की मांसपेशियों को मजबूत रखता है.

ठंड में पशुओं को गर्म रखने के लिए शरीर को ज्यादा ऊर्जा चाहिए होती है. ऐसे में भूसा, सरसों की खली, गेहूं की दलिया और चोकर जैसे प्रोटीन से भरपूर आहार देना बहुत आवश्यक है. ऐसा आहार पशुओं की मांसपेशियों को मजबूत रखता है.

3 / 6सर्द मौसम में पशुओं को सामान्य दिनों की तुलना में ज्यादा भूख लगती है क्योंकि शरीर अतिरिक्त ऊर्जा खर्च करता है. यदि उन्हें पर्याप्त चारा नहीं मिलता, तो उनका वजन गिरने लगता है और दूध भी कम होने लगता है. इसलिए सर्दियों में चारा 20–30% तक बढ़ाना फायदेमंद होता है.

सर्द मौसम में पशुओं को सामान्य दिनों की तुलना में ज्यादा भूख लगती है क्योंकि शरीर अतिरिक्त ऊर्जा खर्च करता है. यदि उन्हें पर्याप्त चारा नहीं मिलता, तो उनका वजन गिरने लगता है और दूध भी कम होने लगता है. इसलिए सर्दियों में चारा 20–30% तक बढ़ाना फायदेमंद होता है.

4 / 6सर्दी में कई बार पशु ठंडा पानी पीना ही बंद कर देते हैं, जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है और पाचन तंत्र प्रभावित होता है. साफ, ताजा और थोड़ा गुनगुना पानी पिलाने से न सिर्फ उनका स्वास्थ्य बेहतर रहता है, बल्कि दूध उत्पादन भी बढ़ता है.

सर्दी में कई बार पशु ठंडा पानी पीना ही बंद कर देते हैं, जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है और पाचन तंत्र प्रभावित होता है. साफ, ताजा और थोड़ा गुनगुना पानी पिलाने से न सिर्फ उनका स्वास्थ्य बेहतर रहता है, बल्कि दूध उत्पादन भी बढ़ता है.

5 / 6तेज ठंड पड़ने पर पशुओं को बिल्कुल भी खुले में न छोड़ें. शाम होते ही उन्हें टाट, जूट या बोरी से ढक दें और रात में किसी गर्म, सूखे और बंद स्थान पर रखें. खुले आसमान में रहने से सर्दी लगने, खांसी, बुखार और कमजोरी जैसी समस्याएं बढ़ती हैं.

तेज ठंड पड़ने पर पशुओं को बिल्कुल भी खुले में न छोड़ें. शाम होते ही उन्हें टाट, जूट या बोरी से ढक दें और रात में किसी गर्म, सूखे और बंद स्थान पर रखें. खुले आसमान में रहने से सर्दी लगने, खांसी, बुखार और कमजोरी जैसी समस्याएं बढ़ती हैं.

6 / 6सर्दियों में बनाए गए बाड़े में हवा का हल्का प्रवाह रहना चाहिए ताकि नमी न जमे, क्योंकि नमी से रोगजनक तेजी से पनपते हैं. दिन में कम से कम 2–3 बार गोबर और गंदगी हटाना और बैठने की जगह पर सूखी पराली व पुआल बिछाना पशुओं को गर्म रखने में मदद करता है.

सर्दियों में बनाए गए बाड़े में हवा का हल्का प्रवाह रहना चाहिए ताकि नमी न जमे, क्योंकि नमी से रोगजनक तेजी से पनपते हैं. दिन में कम से कम 2–3 बार गोबर और गंदगी हटाना और बैठने की जगह पर सूखी पराली व पुआल बिछाना पशुओं को गर्म रखने में मदद करता है.

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