नंद बाबा दुग्ध मिशन: किसानों के लिए सुनहरा मौका! गाय पालने पर मिलेगी लाखों की सब्सिडी! जानें पूरा प्रोसेस

Mini Nandini Krishak Samriddhi Yojana: उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल की है, ‘मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना’. इस योजना के जरिए राज्य के किसानों को न सिर्फ अपनी डेयरी यूनिट खोलने का मौका मिलेगा, बल्कि सरकार उन्हें आर्थिक सहयोग भी देगी. खास बात यह है कि इस योजना में देसी नस्ल की गायों को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि स्वदेशी दूध उत्पादन को प्रोत्साहन मिल सके. अनुदान, बैंक लोन और पात्रता की साफ शर्तों के साथ यह योजना किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का बड़ा प्रयास है.

Isha Gupta
नोएडा | Published: 22 Aug, 2025 | 06:50 PM
1 / 6उत्तर प्रदेश सरकार की मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के तहत देसी नस्ल की गायों की डेयरी खोलने पर किसानों को बड़ी राहत मिलेगी. सरकार 23.60 लाख रुपये की परियोजना लागत पर 50% यानी अधिकतम 11.80 लाख रुपये का अनुदान देगी. यह अनुदान किसानों को दो चरणों में दिया जाएगा.

उत्तर प्रदेश सरकार की मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के तहत देसी नस्ल की गायों की डेयरी खोलने पर किसानों को बड़ी राहत मिलेगी. सरकार 23.60 लाख रुपये की परियोजना लागत पर 50% यानी अधिकतम 11.80 लाख रुपये का अनुदान देगी. यह अनुदान किसानों को दो चरणों में दिया जाएगा.

2 / 6योजना के अनुसार डेयरी खोलने पर कुल लागत का 15% हिस्सा लाभार्थी को खुद लगाना होगा. इसके अलावा 35% राशि बैंक से लोन के रूप में मिलेगी और शेष 50% का बोझ सरकार अनुदान के रूप में उठाएगी. इस तरह किसानों पर आर्थिक दबाव कम होगा और डेयरी खोलना आसान बनेगा.

योजना के अनुसार डेयरी खोलने पर कुल लागत का 15% हिस्सा लाभार्थी को खुद लगाना होगा. इसके अलावा 35% राशि बैंक से लोन के रूप में मिलेगी और शेष 50% का बोझ सरकार अनुदान के रूप में उठाएगी. इस तरह किसानों पर आर्थिक दबाव कम होगा और डेयरी खोलना आसान बनेगा.

3 / 6इस योजना का लाभ वही व्यक्ति ले सकता है जो उत्तर प्रदेश का स्थानीय निवासी हो. आवेदक के पास आधार कार्ड होना चाहिए. इसके साथ ही गाय या भैंस पालन का कम से कम 3 साल का अनुभव होना अनिवार्य है. यह अनुभव मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा प्रमाणित होना चाहिए.

इस योजना का लाभ वही व्यक्ति ले सकता है जो उत्तर प्रदेश का स्थानीय निवासी हो. आवेदक के पास आधार कार्ड होना चाहिए. इसके साथ ही गाय या भैंस पालन का कम से कम 3 साल का अनुभव होना अनिवार्य है. यह अनुभव मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा प्रमाणित होना चाहिए.

4 / 6लाभार्थी के पास कम से कम 8712 वर्ग फुट जमीन होनी चाहिए. इसके अलावा योजना के तहत 10 स्वदेशी नस्ल की गायों से डेयरी शुरू करनी होगी. इनमें गिर, साहिवाल और थारपारकर जैसी उच्च दूध उत्पादन करने वाली नस्लें शामिल होंगी. साथ ही हर गाय का ईयर टैग और बीमा कराना भी जरूरी होगा.

लाभार्थी के पास कम से कम 8712 वर्ग फुट जमीन होनी चाहिए. इसके अलावा योजना के तहत 10 स्वदेशी नस्ल की गायों से डेयरी शुरू करनी होगी. इनमें गिर, साहिवाल और थारपारकर जैसी उच्च दूध उत्पादन करने वाली नस्लें शामिल होंगी. साथ ही हर गाय का ईयर टैग और बीमा कराना भी जरूरी होगा.

5 / 6योजना का लाभ पाने के लिए आवेदक को विभाग की वेबसाइट (nandbabadugdhmission.up.gov.in) पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा और हार्डकॉपी भी जमा करनी होगी. आवेदन की अंतिम तारीख 23 अगस्त 2025 तय की गई है. चयन ई-लॉटरी प्रक्रिया के जरिए पारदर्शी तरीके से होगा.

योजना का लाभ पाने के लिए आवेदक को विभाग की वेबसाइट (nandbabadugdhmission.up.gov.in) पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा और हार्डकॉपी भी जमा करनी होगी. आवेदन की अंतिम तारीख 23 अगस्त 2025 तय की गई है. चयन ई-लॉटरी प्रक्रिया के जरिए पारदर्शी तरीके से होगा.

6 / 6जो किसान पहले से कामधेनु, मिनी/माइक्रो कामधेनु या नंद बाबा दुग्ध मिशन की किसी अन्य योजना का लाभ ले चुके हैं, वे इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे. यानी केवल नए लाभार्थियों को ही इसका फायदा मिलेगा.

जो किसान पहले से कामधेनु, मिनी/माइक्रो कामधेनु या नंद बाबा दुग्ध मिशन की किसी अन्य योजना का लाभ ले चुके हैं, वे इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे. यानी केवल नए लाभार्थियों को ही इसका फायदा मिलेगा.

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Published: 22 Aug, 2025 | 06:50 PM

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