मध्य प्रदेश में नदी जोड़ो लिंक परियोजना के तहत राज्य से गुजरने वाली 6 नदियों को आपस में जोड़कर उनका पानी कम सिंचित क्षेत्रों में ट्रांसफर करने से खेती बड़ा लाभ पहुंचा है. मध्य प्रदेश में 100 लाख हेक्टेयर जमीन को नदियों के पानी से सिंचाई करने के प्लान के तहत नदियों को जोड़ा जा रहा है. इससे किसानों की सिंचाई लागत घटने में मदद मिलेगी और समय पर भरपूर पानी की उपलब्धता बनी रहेगी. अब केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बेतवा नदी को पाराशरी नदी से लिंक करने की बात कही है, ताकि गंजबसौदा इलाके के किसानों को सिंचाई और आबादी को पेयजल के लिए भरपूर पानी 12 महीने मिलता रहे.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश में विदिशा जिले के गंजबसौदा में विकास कार्यों का शुभारंभ किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि वह किसानों और ग्रामीणों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं और उन्हें किसी भी चीज की कमी नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि विदिशा समेत मध्य प्रदेश के अन्य जिलों के पात्र ग्रामीणों को आवास दिए जाने के आवेदन मिले हैं, जिनकी स्वीकृति जल्द ही सर्वे कराकर दे दी जाएगी. किसी भी गरीब को कच्चे घर या झोपड़ी में नहीं रहने दिया जाएगा. मोदी सरकार हर गरीब को पक्का घर देकर रहेगी.
पशुपालन और उद्यानकी बढ़ाएगी किसान की कमाई
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुझे कृषि एवं ग्रामीण विकास की जिम्मेदारी सौंपी है जिसका निर्वहन करने में कोई कसर नहीं रहने दी जाएगी. कृषि को उद्यानिकी और पशुपालन से जोड़कर और अधिक आगे बढ़ाया जाएगा. प्रदेश में कृषि-उद्योग के क्षेत्र में नया चमत्कार कर सकते हैं. किसानों की तरक्की के लिए विभिन्न प्रकार के कदम उठाए जा रहे हैं.
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कृषि मंत्री ने कहा – बेतवा का पानी पाराशी नदी में डाला जाए
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बेतवा नदी का पानी पाराशरी नदी में डालने का प्रयास किया जाए. यहां की मिट्टी सोना उगलती है लेकिन यहां पत्थरों की अधिकता के चलते अतिरिक्त खेती योग्य जमीन बनाने में काफी दिक्कतें होती हैं. यहां के किसानों को पानी की कमी का संकट खत्म करने के लिए नदी जोड़ो परियोजना के तहत बेतवा का पानी पाराशरी नदी में शिफ्ट किया जाए. इससे सूख रही नदी को पुनर्जीवन मिलेगा.
पाराशरी नदी में पानी आने से 2 लाख किसानों का संवरेगा जीवन
विदिशा जिले के लिए पाराशरी नदी जीवनदायिनी मानी जाती है. लोक मान्यता है कि ऋषि पाराशर के आंसुओं से इस नदी का उदय हुआ था. बीते कुछ वर्षों से इसका अस्तित्व खतरे में है. कई जगह इसमें पानी सूख गया है. इस नदी में 12 महीने पानी बनाए रखने के लिए बेतवा को इससे जोड़ दिया जाएगा तो यहां गंजबसौदा के 2 लाख से अधिक किसानों को फसल बुवाई के लिए मार्च के बाद मॉनसूनी बारिश का इंतजार करने की बजाय 12 महीने सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध हो सकेगा. इससे उनकी लागत घटेगी और फसल उत्पादन बढ़ेगा. जबकि, आबादी और जंगली पशुओं के लिए भी पेयजल की सुविधा बेहतर हो सकेगी.

गंज बसौदा में संबोधित करते मुख्यमंत्री मोहन यादव.
इन नदी परियोजनाओं से सुधरी खेती की स्थिति
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि अंतर्राज्यीय नदी जोड़ो परियोजनाओं के जरिए 100 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचित क्षेत्र बनाना है और आबादी का पेयजल संकट दूर किया जा रहा है. इसके तहत केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना, पार्वती-काली-सिंध चंबल लिंक परियोजना बहुत ही उपयोगी साबित हो रही है. उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन से प्रदेश के लगभग आधे जिलों की तस्वीर बदल रही है, खासकर खेती को बड़ा बूस्ट मिल रहा है.