प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम किसान) की 20वीं किस्त का इंतजार कर रहे किसानों को आज खुशखबरी मिली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से पीएम किसान की 20वीं किस्त को जारी किया, जिसके तहत देशभर के 9 करोड़ से ज्यादा किसानों के खाते में सीधे 20 हजार 500 करोड़ रुपये भेजे गए हैं. किस्त की राशि पाने वाले किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. हालांकि किसानों को इस किस्त के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा था. लेकिन अब अपने खाते में किस्त का पैसा देखकर किसान खुश हैं. एक ओर जहां किसान खुश हैं, वहीं कुछ किसान ऐसे भी हैं जिनके खाते में 20वीं किस्त का पैसा नहीं पहुंचा है. ऐसे में ये किसान परेशान हैं. किस्त का पैसा खाते में न आने के कई कारण हो सकते हैं. किसानों के लिए जरूरी है कि वे जल्द से जल्द पता लगाएं कि उनके खाते में योजना का पैसा क्यों नहीं आया.
किसान कॉल सेंटर से करें संपर्क
किसानों के खाते में पीएम किसान की 20वीं किस्त का पैसा न पहुंचने के कई मुख्य कारण हो सकते हैं. इनमें से मुख्य कारण हैं समय रहते दस्तावेज और ई-केवाईसी (E-KYC) का अपडेट ना होना. इसके अलावा हो सकता है कि योजना के लिए आवेदन करते समय गलती हो जाने के कारण भी खाते में पैसा न पहुंचा हो. ऐसे में अगर आप भी उन किसानों की सूची में शामिल हैं जिनके खाते में पीएम किसान की 20वीं किस्त का पैसा नहीं पहुंचा है तो आप किसान कॉल सेंटर के नंबर 1800-180-1551 पर कॉल कर पैसा न आने के बारे में जानकारी जुटा सकते हैं. साथ ही अगर आपके दस्तावेज या ई-केवाईसी अपडेटेड नहीं है तो उसे भी जल्द से जल्द अपडेट करा लें.
वाराणसी से जारी हुई पीएम किसान की 20वीं किस्त
आज देशभर के 9 करोड़ 70 लाख से ज्यादा किसानों के खाते में डीबीटी यानी डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से 20 हजार 500 करोड़ रुपये की सहायता राशि भेजी गई. बता दें कि पीएम किसान दुनिया की सबसे बड़ी Direct Benefit Transfer (DBT) योजना बन चुकी है.
क्या है पीएम किसान योजना
पीएम किसान सम्मान निधि योजना केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जो कि देशभर के छोटे और सीमांत किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. इस योजना के तहत किसानों को 6 हजार रुपये की वित्तीय सहायता दी जाता है. ये 6 हजार रुपये सालभर में 2000-2000 रुपये के तीन किस्तों में मिलते हैं. पीएम किसान सम्मान निधि योजना छोटे और सीमांत किसानों के लिए एक मजबूत आधार बनकर सामने आई है, जो कि आत्मनिर्भर कृषि की दिशा में सरकार की तरफ से लिया गया एक महत्वपूर्ण कदम है. इस कदम से न केवल देश के किसान आर्थिक तौर पर मजबूत हो रहे हैं बल्कि कृषि क्षेत्र का भी विस्तार हो रहा है.