केंद्रीय मंत्री ने दिया बड़ा बयान, क्या अब पीएम किसान के लाभार्थियों को मिलेंगे 12000 रुपये?

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना एक केंद्रीय क्षेत्र की स्कीम है. इसकी शुरुआत फरवरी 2019 में की गई. इस योजना का मुख्य उदेश्य आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को मजबूती प्रदान करना है. इस योजना के तहत छोटी जोत वाले और सीमांत किसानों  को साल में 6000 रुपये दिए जाते हैं.

नोएडा | Published: 15 Dec, 2025 | 04:20 PM

PM Kisan Yojana: देश करोड़ों किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की राशि में बढ़ोतरी का कई सालों से इंतजार कर रहे हैं. लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से अभी तक पीएम किसान की राशि में बढ़ोतरी को लेकर कोई सकारात्मक बयान नहीं आया है. हालांकि, दिसंबर 2024 में एक संसदीय स्थायी समिति ने बढ़ती खेती लागत का हवाला देते हुए इस राशि को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये करने की सिफारिश की थी, लेकिन सरकार ने इसे अभी मंजूरी नहीं दी. पर अभी भी किसान पीएम किसान की राशि में बढ़ोतरी की आस लगाए हुए हैं.

दरसअल, 12 दिसंबर 2025 को राज्यसभा में सांसद समीरुल इस्लाम के सवाल के जवाब में कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने साफ कहा कि सरकार फिलहाल इस राशि को दोगुना करने पर विचार नहीं कर रही है. इससे साफ हो गया है कि अभी किसी बढ़ोतरी का फैसला नहीं हुआ है. इसी सवाल के दौरान किसान आईडी को लेकर भी स्थिति स्पष्ट की गई. मंत्री ने कहा कि पीएम किसान योजना  के लिए किसान आईडी सभी राज्यों में अनिवार्य नहीं है. यह केवल उन 14 राज्यों में जरूरी है, जहां किसान रजिस्ट्री बनाने का काम शुरू हो चुका है. इसका उद्देश्य लाभार्थियों का सही सत्यापन करना, दोहराव खत्म करना और किसानों का डेटा बेहतर तरीके से व्यवस्थित करना है.

लाभार्थी खुद को पंजीकृत कराएं

कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने साफ किया कि जिन राज्यों में किसान रजिस्ट्री अभी पूरी नहीं हुई है, वहां भी किसान बिना औपचारिक किसान आईडी के रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि जिन 14 राज्यों में रजिस्ट्री का काम चल रहा है, वहां कई किसान अभी तक पंजीकृत नहीं हुए हैं. यह दिखाता है कि यह प्रशासनिक प्रक्रिया काफी बड़ी चुनौती है. ठाकुर ने किसानों से अपील की कि वे पीएम किसान योजना के लाभ पाने के लिए खुद को पंजीकृत कराएं.

फरवरी 2019 में हुई योजना की शुरुआत

बता दें कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना एक केंद्रीय क्षेत्र की स्कीम है. इसकी शुरुआत फरवरी 2019 में की गई. इस योजना का मुख्य उदेश्य आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को मजबूती प्रदान करना है. इस योजना के तहत छोटी जोत वाले और सीमांत किसानों  को साल में 6000 रुपये दिए जाते हैं. ये रुपये 2000-2000 रुपये की तीन बराबर किस्तों में कर के सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर किए जाते हैं. इस योजना से किसानों को काफी फायदा हुआ है. हालांकि, किसान संगठन समय-समय पर इस राशि बढ़ाने की मांग करते रहे हैं. समिति की सिफारिश 12,000 रुपये करने की उम्मीदें बढ़ाती है, लेकिन सरकार के स्पष्ट बयान से स्थिति पर अब निश्चितता आ गई है.

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