मिट्टी की सेहत अब चुटकियों में जांचें, सरकार ला रही डिजिटल डिवाइस

यह नया डिवाइस मिट्टी की बनावट, उसमें मौजूद कार्बनिक तत्व, पीएच स्तर और जरूरी पोषक तत्वों की जानकारी कुछ ही सेकंड में देगा. इससे किसानों को यह तय करने में आसानी होगी कि कौन-सी खाद, उर्वरक और सिंचाई कितनी करनी है.

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 20 May, 2025 | 12:45 PM

अब किसानों को मिट्टी की जांच के लिए न लैब के चक्कर लगाने होंगे और न ही हफ्तों इंतजार करना पड़ेगा. जल्द ही ऐसा उपकरण आने वाला है जो कुछ सेकंड में मिट्टी की पूरी रिपोर्ट दे देगा. इससे खेती करना न सिर्फ आसान होगा बल्कि सटीक भी. यह पहल किसानों की मेहनत को कम करने और उनकी फसल की पैदावार बढ़ाने की दिशा में सरकार का एक बड़ा कदम है.

मिट्टी की जांच अब होगी स्मार्ट और तेज

अभी तक किसान मिट्टी की जांच के लिए खेत के अलग-अलग हिस्सों से नमूने इकट्ठा करते हैं, फिर इन्हें सरकारी प्रयोगशालाओं में भेजा जाता है. इसके बाद रिपोर्ट आने में कई दिन लगते हैं. इसी आधार पर किसान तय करते हैं कि कौन-सी फसल बोनी है और कितनी खाद डालनी है. लेकिन अब यह लंबी प्रक्रिया जल्द ही बीते दिनों की बात हो जाएगी.

सरकार ला रही है डिजिटल मिट्टी जांच उपकरण

कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग के सचिव एम.एल. जाट के अनुसार, सरकार एक ऐसा डिजिटल उपकरण लाने जा रही है जो उपग्रह तकनीक की मदद से मिट्टी की जांच कर पाएगा. यह उपकरण किसानों को रियल टाइम में जानकारी देगा, यानी खेत में ही तुरंत मिट्टी की सेहत की पूरी रिपोर्ट मिल जाएगी.

क्या-क्या पता चलेगा इस उपकरण से?

यह नया डिवाइस मिट्टी की बनावट, उसमें मौजूद कार्बनिक तत्व, पीएच स्तर और जरूरी पोषक तत्वों की जानकारी कुछ ही सेकंड में देगा. इससे किसानों को यह तय करने में आसानी होगी कि कौन-सी खाद, उर्वरक और सिंचाई कितनी करनी है. इसका सीधा असर लागत में कमी और उत्पादन में बढ़ोतरी पर पड़ेगा.

पारंपरिक जांच की सीमाएं खत्म होंगी

अब तक पारंपरिक मृदा परीक्षण काफी महंगा और समय लेने वाला था. रिपोर्ट भी अक्सर जटिल होती थी, जिसे किसान आसानी से नहीं समझ पाते थे. लेकिन नए सिस्टम में रिपोर्ट सीधे किसान की भाषा में मोबाइल ऐप या एक छोटे हैंडहेल्ड डिवाइस के जरिए मिलेगी. साथ ही, किसान को व्यक्तिगत सलाह भी मिल सकेगी.

देश में बन रही है मिट्टी की डिजिटल डिपॉजिटरी

मिट्टी की पहचान को और सटीक बनाने के लिए एक राष्ट्रीय स्पेक्ट्रा डिपॉजिटरी बनाई जा रही है. इसमें अब तक 40,000 से ज्यादा मिट्टी के नमूनों का डेटा जुड़ चुका है, और हर साल इसमें हजारों नए नमूने जुड़ते जा रहे हैं. इस डाटा से मशीन लर्निंग तकनीक की मदद ली जा रही है ताकि मिट्टी की जांच और भी सटीक और तेज हो सके.

किसानों के लिए नई उम्मीद

यह नया उपकरण किसानों को “प्रिसिजन फार्मिंग” यानी सटीक खेती की ओर ले जाएगा. अब हर खेत का हिस्सा अलग तरह से ट्रीट किया जा सकेगा. इससे न सिर्फ उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि फसल की गुणवत्ता में भी सुधार होगा. सरकार की यह पहल खेती को आधुनिक बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकती है.

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Published: 20 May, 2025 | 08:12 AM

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