पानी की कमी से नहीं कर पा रहे हैं धान की खेती तो कोदो उगाकर कमाएं बंपर मुनाफा

कम लागत और पोषक तत्वों से भरपूर इस कोदो फसल की खेती आसानी से किसान कर सकते हैं. मोटे अनाजों की बात करें तो खासकर कोदो की खेती बहुत ही फायदेमंद है. इसकी खेती में कम लागत आती है.

नोएडा | Updated On: 16 Aug, 2025 | 05:35 PM

आज कल के बदलते समय में मोटे अनाज का चलन फिर से बढ़ रहा है. मोटे अनाज की खेती की परंपरा हमारे पूर्वजों के विवेक और विरासत का हिस्सा है. वैसे किसान जिनके पास सिंचाई की व्यवस्था न हो या फिर देश का वैसा क्षेत्र जहां बारिश कम होती हो वहां मोटे अनाज कि खेती वरदान साबित होती है. कम लागत और पोषक तत्वों से भरपूर इस फसल की खेती आसानी से किसान कर सकते हैं. मोटे अनाजों की बात करें तो खासकर कोदो की खेती बहुत ही फायदेमंद है. इसकी खेती में कम लागत आती है. साथ ही साथ दूसरे मोटे अनाजों की तुलना इसमें कहीं ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं. आपको बता दें कि कोदो खरीफ फसल है और इसकी बुवाई अगस्त महीने तक की जा सकती है. ऐसे में किसान कोदो की खेती करते हैं तो उनके लिए खेती का सही तरीका जानना बेहद जरुरी है.

ऐसे तैयार करें खेत

अगर आपके पास सिचांई की उचित व्यवस्था नहीं है या फिर आप वैसे इलाके में रहते हैं जहां कम बारिश के कारण धान की खेती नहीं की जा सकती है, वहां आप कोदो की खेती आसानी से कर सकते हैं. कोदो की खेती में जो सबसे जरुरी बात है वो ये है कि बुवाई से पहले खेतों की बहुत सही तैयारी की जाए. खेत हो बहुत अच्छे तरीके से जोत लें. लगभग 3-5 जुताई से खेत की मिट्टी को भुरभुरा बना लें. आप चाहें तो रोटोवेटर चलाकर भी मिट्टी को भुरभूरा बना सकते हैं. मिट्टी को भुरभुरा बनाने के बाद पाटा चलाकर खेत को समतल कर लें. अच्छे तरीके से किया गया समल खेत में कोदो की खेती अच्छी होती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जानकार बताते हैं कि प्रति हेक्टेयर 8-10 किलो कोदो के बीज की जरुरत बुवाई के समय पड़ती है.

ये है बुवाई का सही तरीका

जानकार बताते हैं कि अच्छी उपज के लिए खेत की आखिरी जुताई से पहले, प्रति हेक्टेयर खेत में दो ट्राली सड़ी हुई गोबर की खाद, 40 किलो नाइट्रोजन, 30 से 40 किलो फास्फोरस और 20 से 25 किलो पोटाश डालकर अच्छी तरह से जुताई कर लें. इसके बाद कोदो के बीज की बुवाई करें. बुवाई के लिए खेत में पंक्तियां तैयार कर लें. बुवाई के समय दो पंक्तियां के बीच की दूरी 15-20 सेंटीमीटर सुनिश्चति करें वहीं पौधों के बीच की दूरी 10 सेंटीमीटर रखें. इससे फसल नष्ट नहीं होगी और किसान को बेहतर उरज मिलेगी.

कम लागत में बंपर मुनाफा

कोदो की फसल 70-80 दिनों में पक्कर तैयार हो जाती है. कोदो की उत्पादन की बात करें तो एक हेक्टेयर में कम से कम 18-20 क्ंविटल उवज मिलती है. आपको बता दें कि मार्केट में कोदो का भाव लगभग 3000 रुपए प्रति क्ंविटल तक होता है. इसी कारण से कोदो की खेती किसान भाई के लिए मुनाफे का अच्छा विकल्प है.

Published: 16 Aug, 2025 | 05:34 PM