मशीन छीलेगी-बांधेगी गन्ना, घंटों का काम मिनटों में सिमटेगा

छोटे ट्रैक्टर के लिए बना नया गन्ना डिट्रैशर रफ्तार से छिलाई कर सकता है. यह मशीन 66 फीसदी तक लागत बचाती है और किसानों को समय व श्रम दोनों में राहत देती है.

नोएडा | Updated On: 15 May, 2025 | 07:54 PM

गन्ना किसानों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आई है एक नई मशीन, जो गन्ना छीलने और बांधने का काम बेहद कम समय में और ज्यादा कुशलता से कर रही है. छोटे ट्रैक्टर से चलने वाला यह एडजस्ट गन्ना डिट्रैशर पारंपरिक तरीकों की तुलना में न सिर्फ समय बचा रहा है, बल्कि लागत में भी भारी बचत कर रहा है. इसकी खासियत है 8 मीटर प्रति सेकंड की रोलर रफ्तार और 66 प्रतिशत तक की लागत बचत, जो किसान की जेब और काम दोनों के लिए बड़ा फायदा लेकर आई है.

दो तरफ से घूमती है रोलर

इस नए छोटे ट्रैक्टर संचालित गन्ना डिट्रैशर में रोलर को दोनों तरफ घुमाव दिया गया है, जिससे छिलाई में आने वाली समस्याओं को काफी हद तक कम किया गया है. साथ ही, इसकी गति जरूरत के हिसाब से है, जिससे फील्ड कंडीशन्स के हिसाब से ऑपरेशन को बेहतर बनाया जा सकता है. परीक्षणों के अनुसार 1.50 मीटर ऊंचे गन्ने की छिलाई में इस मशीन ने 87 प्रतिशत तक छिलाई तेजी से कर सकती है.

फील्ड टेस्ट में बेहतरीन प्रदर्शन

फील्ड परिक्षण के दौरान, यह डिट्रैशर 8 मीटर/सेकंड की गति से रोलर घुमाता है, जिसकी उपयुक्त ऊंचाई जमीन से लगभग 600 मिमी है. इसके साथ फील्ड क्षमता 0.3 से 0.4 हेक्टेयर प्रति घंटा रही, जो गन्ना छिलाई के लिए काफी प्रभावी मानी जा रही है. परिचालन लागत भी केवल 2500 रुपये प्रति हेक्टेयर आंकी गई है, जो पारंपरिक तरीकों से 66 प्रतिशत तक कम है.

गन्ना छिलाई की पुरानी समस्याएं

गन्ने की फसल की छिलाई हमेशा से एक मेहनत और समय लेने वाला काम रहा है. पारंपरिक डिट्रैशर में इस्तेमान होने वाले स्थिर रोलर के कारण गन्ने की कलियां अक्सर क्षतिग्रस्त हो जाती हैं. इसके अलावा, रोलर के एक दिशा में घुमाव से छिलाई के दौरान गन्ना का कचरा रोलर के इकाइयों में फंस जाता है, जिससे काम की स्पीड कम से कम हो जाती है और इससे मशीन की सफाई में भी ज्यादा वक्त लगता है.

किसानों के लिए फायदेमंद

यह छोटा ट्रैक्टर डिट्रैशर न केवल लागत बचाता है बल्कि गन्ने की छिलाई के दौरान होने वाले नुकसान को भी कम करता है. इससे किसानों को समय की बचत के साथ-साथ गन्ने की गुणवत्ता को भी बनाए रखने में मदद मिलती है. छोटे और सीमांत किसानों के लिए यह मशीन विशेष रूप से लाभकारी साबित हो रही है क्योंकि इससे उनकी मेहनत कम होती है और उत्पादन में सुधार आता है.

Published: 15 May, 2025 | 07:54 PM