आपके बगीचे की रौनक बन सकता है सूरजमुखी, जानें कैसे और कब बोएं बीज

सूरजमुखी के बीज बोने के दो तरीके होते हैं. पहला यह कि बीज सीधे जमीन में बो दिए जाएं. दूसरा तरीका यह है कि आप बीजों को पहले गमले या ट्रे में बोकर नन्हे पौधों को तैयार करें और फिर बाद में उन्हें बगीचे में लगाएं.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 8 Jun, 2025 | 02:57 PM

जब भी आप किसी खेत या बगीचे में दूर तक फैले पीले चमकीले फूलों को सूरज की ओर देखता पाएं, तो समझ लीजिए यह सूरजमुखी है. यह फूल जितना सुंदर दिखता है, उतना ही उपयोगी भी है. सूरजमुखी न केवल देखने में मनमोहक होता है, बल्कि इससे तेल भी निकलता है, मधुमक्खियों और पक्षियों के लिए यह भोजन बनता है और आपके बगीचे को जीवन से भर देता है. लेकिन अगर आप भी अपने आंगन या खेत में सूरजमुखी के फूलों की पंक्तियां देखना चाहते हैं, तो इसके लिए सही समय और तरीका जानना बेहद जरूरी है.

बुवाई का सही समय

सूरजमुखी की बुवाई के लिए सबसे अच्छा समय होता है वसंत ऋतु यानी जब आखिरी पाला (ठंडी) जा चुका हो. यह आमतौर पर मार्च के अंत से अप्रैल के मध्य तक का समय होता है. उस समय मिट्टी धीरे-धीरे गर्म होने लगती है, जो सूरजमुखी के बीजों के अंकुरण के लिए आदर्श मानी जाती है.

साथ ही मिट्टी का तापमान लगभग 13 से 16 डिग्री सेल्सियस (55°F से 60°F) होना चाहिए. इस तापमान पर बीज जल्दी और स्वस्थ अंकुरित होते हैं. आप चाहें तो थर्मामीटर से मिट्टी का तापमान नापकर सही समय तय कर सकते हैं.

सूरजमुखी बोने का तरीका

सूरजमुखी के बीज बोने के दो तरीके होते हैं. पहला यह कि बीज सीधे जमीन में बो दिए जाएं. दूसरा तरीका यह है कि आप बीजों को पहले गमले या ट्रे में बोकर नन्हे पौधों को तैयार करें और फिर बाद में उन्हें बगीचे में लगाएं.

अगर आप सीधे जमीन में बोना चाहते हैं, तो एक ऐसी जगह चुनिए जहां भरपूर धूप आती हो. सूरजमुखी को पूरी तरह धूप चाहिए होती है कम से कम छह घंटे रोजाना. साथ ही, मिट्टी पानी निकालने वाली होनी चाहिए ताकि पानी जमा न हो.

बीजों के बीच पर्याप्त जगह छोड़ना भी बहुत जरूरी है. हालांकि यह दूरी किस्म पर निर्भर करती है, लेकिन औसतन एक पौधे से दूसरे के बीच 6 से 12 इंच की दूरी और पंक्तियों के बीच 18 से 24 इंच की दूरी रखना अच्छा रहता है. इससे पौधों को फैलने और फूलने के लिए पर्याप्त जगह मिलती है.

देखभाल से खिलेंगे फूल

बुवाई के बाद सबसे जरूरी होता है सही सिंचाई. जब तक बीज अंकुरित न हो जाएं, मिट्टी को हल्का गीला बनाए रखें. सबसे अच्छा समय सुबह का होता है क्योंकि इससे पौधे दिन भर सूख सकते हैं और फंगस जैसी बीमारियों का खतरा कम रहता है. आप चाहें तो पौधों के चारों ओर घास या सूखे पत्तों की परत (मल्च) बिछा सकते हैं. इससे मिट्टी की नमी बनी रहती है और खरपतवार भी नहीं उगती.

गर्मियों में आपके बगीचे की शान बनेंगे सूरजमुखी

अगर सब कुछ सही तरीके से किया जाए, तो कुछ ही हफ्तों में आपका बगीचा सूरजमुखी के पीले, मुस्कुराते फूलों से भर जाएगा. ये फूल सिर्फ आपकी आंखों को ही नहीं भाते, बल्कि मधुमक्खियों, तितलियों और पक्षियों को भी आकर्षित करते हैं. इससे आपके बगीचे में एक तरह की जीवंतता आ जाती है.

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