पशुओं को चोटिल होने से बचाएगा स्मार्ट केज, डिजाइन को मिला पेटेंट

महाराष्ट्र के नासिक स्थित गुरु गोबिंद सिंह कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड रिसर्च सेंटर के प्रोफेसर संदीप एस. पाटिल और उनकी टीम ने एक स्मार्ट पिंजरा बनाया है जो कि आधुनिक तकनीक से लैस है.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Updated On: 9 May, 2025 | 04:21 PM

खेती के अलावा पशुपालन भी किसानों की कमाई का एक अहम जरिया है. लेकिन कई बार इन पशुओं को लाने ले जाने में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. उचित व्यव्स्था न होने के कारण अकसर पशुओं को वाहनों में लोड करते समय उन्हें चोट लगने का खतरा बना रहता है. इसके साथ ही कई बार पशुओं को तनाव हो जाता है यहां तक कि जानलेवा दुर्घटना तक का सामना करना पड़ता है. लेकिन अब इस समस्या का तोड़ आ गया है. महाराष्ट्र के नासिक स्थित गुरु गोबिंद सिंह कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड रिसर्च सेंटर के प्रोफेसर संदीप एस. पाटिल और उनकी टीम ने एक स्मार्ट पिंजरा बनाया है जो कि आधुनिक तकनीक से लैस है.

टेलीस्कोपिक स्लाइडिंग से हर वाहन में फिट होगा पिंजरा

प्रोफेसर संदीप एस. पाटिल और उनकी टीम ने एक ऐसा स्मार्ट पिंजार बनाया है जो कि माड्यूलर और लचीला है. यानी इस पिंजरे को किसी भी आकार के वाहन में आसानी से फिट किया जा सकता है. कई बार वाहनों में पिंजरे के फिट न हो पाने के कारण पशुओं को चोट और दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है. इस स्मार्ट पिंजरे में टेलीस्कोपिक स्लाइडिंग की सुविधा है, जो वाहन के आकार से मेल खाती है और वाहन में आसानी से फिट हो जाती है. इसका एक रोलर-असिस्टेड मूवमेंट पिंजरे को आसानी से एडजस्ट करने में मदद करता है. इसके साथ ही मवेशियों को वाहम में लोड करने के लिए फोल्डेबल रैंप की भी सुविधा है.

वेंटिलेशन की उचित व्यव्सथा

अकसर मवेशियों को जिन वाहनों में लोड किया जाता है उनमें वेंटिलेशन की उचित व्यवस्था नहीं होती है. जिसके कारण पशुओं य मवेशियों को तनाव की समस्या से भी जूझना पड़ता है. इस पिंजरे की मदद से इस समस्या से निपटा जा सकता है. इस पिंजरे की लागत कम है जिससे छोटे किसानों के लिए इसका इस्तेमाल करना आसान है. इस तकनीक का इस्तेमाल डेयरियों, गौशालाओं , पशु चिकित्सा कार्यों तथा सुरक्षित और कम दूरी के पशुधन संचलन के लिए भी किया जा सकता है.

Smart Prison for animals

Smart Animal Cage for smooth transportation

डिजाइन को मिला पेटेंट

बता दें कि , महाराष्ट्र के नासिक स्थित गुरु गोबिंद सिंह कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड रिसर्च सेंटर के प्रोफेसर संदीप एस. पाटिल और उनकी टीम द्वारा डिजाइन किए गए इस पिंजरे को पेटेंट और अकादमिक प्रकाशनों से मान्यता मिल चुकी है, जिसमें मॉड्यूलर और डबल-मंजिला संस्करणों के लिए 2024 में दो भारतीय पेटेंट भी शामिल हैं. नासिक के अंबाड गांव में इस पिंजरे का परीक्षण भी किया जा चुका है. इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए लगातार काम किया जा रहा है.

चोटिल होने से बचेंगे पशु

भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में मवेशी किसानों के लिए महत्वपूर्ण साथी हैं. ऐसे में एक शहर से दूसरे शहर तक मवेशियों को पहुंचाना न केवल किसानों और मवेशियों के लिए बल्कि लोगों के लिए भी घातक होता है. अकसर परिवहन के दौरान उतारते चढ़ाते मवेशी घायल हो जाते हैं. मवेशियों को परंपरागत तरीके से इधर-उधर ले जाना ट्रांसपोर्टरों के लिए लॉजिस्टिक संबंधी परेशानी भी पैदा करता है , साथ ही इससे सभी बुनियादी पशु कल्याण मानदंडों का उल्लंघन भी होता है. ऐसे में इस स्मार्ट पिंजरे के इस्तेमाल से मवेशियों के परिवहन को सुरक्षित, आसान और सस्ता बनाया जा सकता है.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 9 May, 2025 | 04:17 PM

किस देश को दूध और शहद की धरती (land of milk and honey) कहा जाता है?

Poll Results

भारत
0%
इजराइल
0%
डेनमार्क
0%
हॉलैंड
0%