रिकॉर्ड जून के बाद जुलाई में ट्रैक्टर बाजार ठंडा, जानिए क्यों घट गई बिक्री

जुलाई 2025 में ट्रैक्टर बिक्री के आंकड़ों ने साफ कर दिया कि मौसमी असर से ज्यादातर कंपनियों की डिलीवरी घटी है, हालांकि साल-दर-साल आधार पर हल्की बढ़त दर्ज हुई.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 12 Aug, 2025 | 09:17 AM

जून में रिकॉर्ड बिक्री के बाद जुलाई में ट्रैक्टरों की मांग थोड़ी सुस्त पड़ गई. इस दौरान बिक्री में करीब 40 फीसदी की गिरावट आई, ट्रैक्टर बिक्री करीब 72,797 यूनिट पर आ गई, जबकि जून में यह आंकड़ा 1,21,613 यूनिट था. हालांकि, अच्छी खबर यह है कि पिछले साल जुलाई (67,952 यूनिट) की तुलना में इस बार बिक्री में लगभग 8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. यह गिरावट मौसमी पैटर्न के कारण आई है और अगस्त से बिक्री में तेजी आने की उम्मीद है.

क्यों घटती है जुलाई में बिक्री?

बिजनेस लाइन की खबर के अनुसार, ट्रैक्टर बिक्री का एक तय मौसमी चक्र होता है. मई में फसल कटाई पूरी होने के बाद किसान जून में अगली बुआई की तैयारी करते हैं, इसी वजह से जून में बिक्री अपने चरम पर पहुंच जाती है. इसके बाद जुलाई में किसानों की तत्काल खरीदारी की जरूरत कम हो जाती है, जिससे बिक्री की रफ्तार स्वाभाविक रूप से धीमी पड़ती है. हालांकि, यह गिरावट अस्थायी होती है.

अगस्त से बिक्री में फिर से तेजी आने लगती है, क्योंकि किसान खरीफ सीजन की बुआई के साथ-साथ त्योहारों के मौसम की तैयारी करते हैं. दशहरा और दीवाली जैसे त्योहारों के समय अक्सर बिक्री साल का सबसे ऊंचा स्तर छू लेती है.

बड़ी कंपनियों का प्रदर्शन

जुलाई 2025 में ट्रैक्टर बिक्री के आंकड़ों ने साफ कर दिया कि मौसमी असर से ज्यादातर कंपनियों की डिलीवरी घटी है, हालांकि साल-दर-साल आधार पर हल्की बढ़त दर्ज हुई.

महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) – कंपनी ने जुलाई 2025 में कुल 28,708 ट्रैक्टर (घरेलू + निर्यात) बेचे. यह पिछले साल जुलाई 2024 के मुकाबले 5 फीसदी ज्यादा है, लेकिन जून 2025 में बेचे गए 53,392 यूनिट्स की तुलना में 46 फीसदी कम रहा.

एस्कॉर्ट्स कुबोटा लिमिटेड – जुलाई 2025 में कंपनी ने कुल 7,154 ट्रैक्टर (घरेलू + निर्यात) बेचे. यह जुलाई 2024 के मुकाबले 3 फीसदी अधिक है, लेकिन जून 2025 के 11,498 यूनिट्स की तुलना में 40 फीसदी कम है.

अन्य कंपनियां – बाकी प्रमुख ट्रैक्टर निर्माता कंपनियों में भी यही पैटर्न देखा गया, जहां जून के मुकाबले बिक्री में तेज गिरावट आई, लेकिन पिछले साल की तुलना में हल्की बढ़त दर्ज हुई.

मांग पर असर नहीं, बस इन्वेंट्री मैनेजमेंट

क्रिसिल रेटिंग्स की डायरेक्टर पूनम उपाध्याय के अनुसार, जुलाई में बिक्री में गिरावट का कारण मांग में कमी नहीं बल्कि इन्वेंट्री और टाइमिंग है. जून में भारी स्टॉकिंग के बाद, कंपनियों ने जुलाई में डीलरों को सप्लाई धीमी कर दी ताकि स्टॉक और भुगतान संतुलित रहे. यह हर साल होता है.

उन्होंने बताया कि शीर्ष कंपनियों की जुलाई 2025 में होलसेल बिक्री पिछले साल से लगभग 9 फीसदी ज्यादा रही, जो ग्रामीण बाजार में स्थिर मांग का संकेत है. अच्छी बारिश, खरीफ की बुआई और मजबूत ग्रामीण भावना ने रिटेल बिक्री को संभाले रखा.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

किस देश को दूध और शहद की धरती (land of milk and honey) कहा जाता है?

Poll Results

भारत
0%
इजराइल
0%
डेनमार्क
0%
हॉलैंड
0%