यूपी सरकार की पहल का असर, पेराई शुरू होते ही गन्ना किसानों को मिला 513 करोड़ रुपये का भुगतान

प्रदेश की 29 चीनी मिलों ने अब तक किसानों के खातों में 513.96 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान कर दिया है. इसके साथ ही राज्य में काम कर रही अधिकांश मिलें साप्ताहिक भुगतान मॉडल अपनाने की दिशा में बढ़ रही हैं. इस व्यवस्था का फायदा सीधे किसानों को मिल रहा है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 21 Nov, 2025 | 08:55 AM

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी लेकर आया है नया पेराई सत्र. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा घोषित नई गन्ना दरों पर पूरे प्रदेश में भुगतान शुरू हो चुका है. इससे उन लाखों किसानों को बड़ी राहत मिली है, जो पूरे साल की मेहनत का उचित मूल्य पाने का इंतजार कर रहे थे. भुगतान की शुरुआत के साथ ही चीनी मिलों में कामकाज तेज हो गया है और पेराई सत्र पूरे रफ्तार में दिख रहा है.

नई दरों पर गन्ना भुगतान ने पकड़ी रफ्तार

प्रदेश की 29 चीनी मिलों ने अब तक किसानों के खातों में 513.96 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान कर दिया है. इसके साथ ही राज्य में काम कर रही अधिकांश मिलें साप्ताहिक भुगतान मॉडल अपनाने की दिशा में बढ़ रही हैं. इस व्यवस्था का फायदा सीधे किसानों को मिल रहा है, क्योंकि उन्हें नियमित अंतराल पर आय मिल जाती है जिससे खेती के अन्य खर्च भी आसानी से पूरे हो जाते हैं.

114 चीनी मिलों ने इस सीजन में गन्ना खरीद के लिए इंडेंट जारी कर दिया है, जबकि 104 चीनी मिलें पेराई शुरू कर चुकी हैं. यह संकेत है कि इस बार पेराई सत्र की शुरुआत काफी सुचारू और तेज रही है.

औचक निरीक्षण के आदेश, पारदर्शिता पर जोर

गन्ना खरीद में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी रोकने और प्रक्रियाओं को मजबूत करने के लिए अपर मुख्य सचिव ने सभी जिला गन्ना अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं. उन्होंने 23 सहकारी और 3 निगम चीनी मिलों के सभी क्रय केंद्रों का तत्काल औचक निरीक्षण करने का आदेश जारी किया है.

निरीक्षण के दौरान निम्न चीों पर विशेष नजर रखने के निर्देश दिए गए

  • तौल लिपिकों की उपस्थिति
  • गन्ना खरीद की गति
  • किसानों के गन्ने के उठान की व्यवस्था
  • मानक तौल उपकरणों की उपलब्धता

इस कदम का उद्देश्य है कि किसानों को उनकी उपज की तौल और भुगतान में कोई अनियमितता न झेलनी पड़े.

किसानों की शिकायतों का तुरंत निस्तारण अनिवार्य

अपर मुख्य सचिव ने दोबारा स्पष्ट किया कि किसी भी किसान को अनावश्यक परेशानी या देरी का सामना न करना पड़े. उन्होंने कहा कि सभी क्रय केंद्र साफ-सुथरे हों, गन्ना समय पर खरीदा जाए और किसी भी शिकायत पर तुरंत तथा नियमानुसार कार्रवाई की जाए. प्रशासन का कहना है कि पेराई सत्र में किसानों की सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसलिए क्रय केंद्रों से लेकर मिलों तक हर स्तर पर निगरानी बढ़ा दी गई है.

किसानों को नई उम्मीदें

नई दरों पर भुगतान शुरू होने से किसानों में उत्साह है. गन्ने की लागत बढ़ने के बीच समय पर भुगतान किसानों को आर्थिक राहत देने वाला साबित होगा. वहीं, गन्ना विभाग की कड़ी निगरानी और पारदर्शिता बढ़ाने की कोशिशों से इस बार पेराई सत्र सुचारू रहने की उम्मीद जताई जा रही है.

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