बारिश से 2300 एकड़ में कपास, मूंग और ग्वार की फसल बर्बाद, विधायक ने CM से की मुआवजे की मांग

विधायक बेनीवाल ने पत्र में कहा है कि कई गांवों में किसानों को खराब फसलें उखाड़कर धान की बुआई करनी पड़ी, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हुआ है. ऐसे में बेनीवाल ने सरकार से तुरंत मुआवजे की मांग की है.

नोएडा | Updated On: 2 Aug, 2025 | 01:07 PM

हरियाणा के सिरसा जिले में बारिश से कपास सहित कई फसलों की बहुत अधिक बर्बादी हुई है. ऐसे में एलनाबाद विधानसभा के विधायक भरत सिंह बेनीवाल ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखकर फसल नुकसान के एवज में किसानों को तुरंत मुआवजा देने की मांग की है. 1 अगस्त को लिखे अपने पत्र में बेनीवाल ने कहा है कि भारी बारिश के कारण शक्कर मंदोरी, शाहपुरिया, रूपाणा गणजा, रूपाणा बिश्नोई, टाकरांवाली, नथूसरी, माखोसारानी, चाहरवाला, गुड़िया खेड़ा, डारबा और रूपाणा खुर्द जैसे गांवों में जलभराव हो गया है. उनके अनुसार, लगभग 2,200 से 2,300 एकड़ में कपास, मूंग, ग्वार और क्लस्टर बीन्स जैसी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, बेनीवाल ने पत्र में कहा है कि कई गांवों में किसानों को खराब फसलें उखाड़कर धान की बुआई करनी पड़ी, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हुआ है. ऐसे में बेनीवाल ने सरकार से तुरंत फसल नुकसान मुआवजा पोर्टल शुरू करने और विशेष गिरदावरी (राजस्व सर्वे) कराने की अपील की है. विधायक ने मांग करते हुए कहा है कि 30,000-35,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा मिले. उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार जल्दी कदम उठाएगी और किसानों की मदद करेगी.

अजय चौटाला ने भी की मुआवजे की मांग

वहीं जननायक जनता पार्टी (JJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला ने शुक्रवार को बारिश से प्रभावित गांवों का दौरा किया. उन्होंने शाहपुरिया, शक्कर मंदूरी, रूपाणा जाटान और रूपाणा बिश्नोइयान जैसे गांवों में जाकर फसलों को हुए नुकसान का जायजा लिया. किसानों से बातचीत के दौरान चौटाला ने कपास की डूबी हुई फसलों पर चिंता जताई और राज्य सरकार से तुरंत फसल नुकसान का विशेष सर्वे (गिरदावरी) कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि किसानों को 60,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाना चाहिए, जो सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाए.

कीटों से भी फसलों को नुकसान

अजय चौटाला ने हिसार-घग्गर ड्रेन के बढ़ते जलस्तर को लेकर चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि अगर ड्रेन ओवरफ्लो हुई, तो 25 गांवों में पानी भर सकता है, जिससे फसलें ही नहीं, लोगों के घर भी नुकसान झेल सकते हैं. चौटाला ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि समय पर एक्शन लिया गया होता और ड्रेन की सफाई व रखरखाव ठीक से होता, तो आज यह स्थिति नहीं बनती. उन्होंने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि यह संकट समय पर जरूरी कदम न उठाने की वजह से पैदा हुआ है. वहीं, हरियाणा में धान की फसल पर कीटों के हमले भी शुरू हो गए हैं. इससे भी फसल को नुकसान पहुंच रहा है.

 

Published: 2 Aug, 2025 | 12:57 PM

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