बंजर जमीन पर आम के बाग लगा कर लाखों कमाने वाले शिक्षक तपन कुमार मांझी की यह कहानी न सिर्फ प्रेरणा देती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि अगर इरादे मजबूत हों तो मिट्टी भी किस्मत बदल देती है. झारखंड के जामताड़ा जिले के मथुरा गांव के इस रिटायर्ड शिक्षक ने 12 एकड़ में 800 आम के पेड़ लगाकर पर्यावरण संतुलन, रोजगार और आमदनी – तीनों में संतुलन कायम किया है. देखिए कैसे एक अकेले शिक्षक ने शुरू किया हरियाली का मिशन और बन गए इलाके के लिए मिसाल.