कर्नाटक के अल्फांसो की धूम, राज्य के ये 5 आम भी हैं मशहूर

कर्नाटक का अल्फांसो आम एक प्रीमियम क्वालिटी का आम है जिसे खासतौर पर कर्नाटक के धारवाड़ जिले में उगाया जाता है. अपनी अच्छी क्वालिटी और स्वाद के कारण ये आम पूरे राज्य में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Updated On: 4 Jun, 2025 | 03:28 PM

आम एक ऐसा फल है जिसे लगभग हर कोई पसंद करता है. इसकी मिठास, स्वाद और खुशबू इसे खास बनाती है. गर्मी आते ही बाजार में आम की मांग बढ़ जाती है. घरों में इसका इस्तेमाल अचार बनाने में भी किया जाता है. आम से मैंगो शेक भी बनाया जाता है जो कि गर्मियों के लिए एक बेहतरीन ठंडी ड्रिंक है. केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार भारतीय आमों का बड़े पैमाने पर विदेशों में निर्यात भी होता है और अकेले भारत में आम की 1 हजार से ज्यादा किस्में मौजूद हैं. ऐसे में आज हम बात करेंगे कर्नाटक के कुछ खास आमों के बारे में, जानेंगे कौन सी हैं कर्नाटक में आम की 5 बेस्ट वैराइटी.

कर्नाटक के 5 बेस्ट आम

अल्फांसो

कर्नाटक का अल्फांसो आम एक प्रीमियम क्वालिटी का आम है जिसे खासतौर पर कर्नाटक के धारवाड़ जिले में उगाया जाता है. अपनी अच्छी क्वालिटी और स्वाद के कारण ये आम पूरे राज्य में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है. इसका गूदा बिना रेशे का होता है और स्वाद में ये बेहद ही मीठा और रसीला होता है. इस आम के एक फल का वजन लगभग 250 ग्राम होता है. कर्नाटक में अल्फांसो आम मिठाई, आइसक्रीम, लस्सी आदि बनाने के लिए लोकप्रिय है.

तोतापुरी

कर्नाटक के तोतापुरी आम को स्थानीय भाषा में गिनिमूथी भी कहा जाता है. ये दक्षिण भारत की एक प्रमुख आम की किस्म है जिसकी खेती मुख्य रूप से कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में होती है. कर्नाटक के कुल्लूर, स्त्रीनीवासपुर, बंगलौर और कृष्णागिरि जैसे इलाकों में किसान इसकी खेती बड़े पैमाने पर करते हैं. स्वाद में यह आम हल्का मीठा और हल्का खट्टा होता है. इसके गूदे में रेशा नहीं होता है. इसका शेप लंबा और नुकीला होता है जो कि तोते का चोंच के जैसा दिखात है , इसलिए इसका नाम तोतापुरी पड़ा. इसका इस्तेमाल अचार, चटनी, सूप और सलाद बनाने में किया जाता है.

नीलम

नीलम आम एक ऐसी किस्म है जिसकी खेती मुख्य रूप से कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में होती है. आम की ये किस्म दक्षिण भारत की एक खास और लोकप्रिय किस्म है. खाने में ये थोड़ा खट्टा और मीठा होता है. इसके गूदे में रेशा नहीं होता है. नीलम आम अचार, चटनी, स्मूदी और लस्सी आदि बनाने के लिए बेस्ट है. व्यावसायिक रूप से यह आम खास है क्योंकि इसकी शेल्फ लाइफ अच्छी है.

पैरी

कर्नाटक के पैरी आम को रासपुरी के नाम से भी जाना जाता है. इसकी खेती मुख्य रूप से कर्नाटक के रामनगर, कोलार, बेंगलुरू के ग्रामीण इलाकों में, चिक्कबल्लापुर और तुमकुरू जिले में की जाती है. इस आम का शेप अंडाकार होता है और इसकी लंबाई करीब 4 से 6 इंच होती है. खाने में ये खट्टा और मीठा होता है. पैरी आम का इस्तेमाल खास तौर पर जैम, जेली, मिल्कशेक और रस बनाने के लिए किया जाता है.

मलगांव

मलगांव आम को मल्गोवा (Mulgoba) भी कहा जाता है. इसकी खेती खास तौर पर दक्षिण भारत के कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में की जाती है. इस किस्म के एक आम का वजन लगभग 300 से 500 ग्राम होता है. खाने में यह आम हल्का मीठा होता है और गूदे में रेशा नहीं होता है. कर्नाटक के बेंगलुरु, बागलकोट, धारवाड़, बेलागावी, और कुल्लूर जिले में इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है.

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Published: 4 Jun, 2025 | 02:36 PM

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