इलायची की खेती में कौन सा राज्य है नंबर वन? जानिए इसके दिलचस्प आंकड़े

राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के अनुसार, भारत हर साल 26000 टन से ज्यादा इलायची पैदा करता है. यह इसे ग्वाटेमाला के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक बनाता है.

नई दिल्ली | Published: 2 May, 2025 | 01:51 PM

चाय की चुस्की में खुशबू भरनी हो या मिठाइयों का स्वाद बढ़ाना हो, इलायची हर रसोई की शान होती है. यह छोटा-सा मसाला जितना खुशबूदार है, उतना ही कीमती भी. भारत में इलायची का इस्तेमाल सिर्फ स्वाद के लिए ही नहीं, बल्कि पारंपरिक दवाओं और आयुर्वेद में भी खूब होता है.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इलायची उत्पादक देश है? आइए जानते हैं कि भारत में इलायची कहां-कहां उगाई जाती है और कौन-से राज्य इसमें सबसे आगे हैं.

भारत में इलायची का कुल उत्पादन

राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के अनुसार, भारत हर साल 26000 टन से ज्यादा इलायची पैदा करता है. यह इसे ग्वाटेमाला के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक बनाता है. भारत में इलायची की खेती मुख्य रूप से केरल, कर्नाटक, सिक्किम, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में होती है.

1. केरल

उत्पादन: 15.54 हजार टन
योगदान: भारत के कुल उत्पादन का लगभग 59%

केरल की ठंडी और नम जलवायु, साथ ही उपजाऊ मिट्टी, इलायची के लिए एकदम सही है. यहां की पहाड़ी इलाकों में किसान बड़े पैमाने पर इलायची की खेती करते हैं. केरल न सिर्फ भारत में सबसे ज्यादा इलायची उगाता है, बल्कि इसे दुनिया के कई देशों में निर्यात भी करता है.

2. सिक्किम

उत्पादन: 5.24 हजार टन
योगदान: 19.77%

सिक्किम में खासतौर पर बड़ी इलायची उगाई जाती है. यहां की दोमट मिट्टी और आदर्श pH लेवल इसे खेती के लिए परफेक्ट बनाते हैं. राज्य में आधुनिक नर्सरी, सिंचाई और खेती तकनीकों के इस्तेमाल से उत्पादन लगातार बढ़ रहा है.

3. नागालैंड

उत्पादन: 2.23 हजार टन
योगदान: 8.42%

नागालैंड के किसान इलायची की खेती में ई-सेलिंग और स्मार्ट खेती जैसे मॉडर्न तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं. इससे उन्हें न केवल अच्छी फसल मिल रही है, बल्कि बाजार में बेहतर दाम भी मिलते हैं.

4. अरुणाचल प्रदेश

उत्पादन: 1.36 हजार टन
योगदान: 5.13%

पहले जहां यहां अफीम की खेती होती थी, वहीं अब सरकार की मदद से किसान इलायची की ओर बढ़ रहे हैं. जलवायु और मिट्टी के अनुकूल होने से भविष्य में यहां उत्पादन और बढ़ने की उम्मीद है.

5. कर्नाटक

उत्पादन: 0.92 हजार टन
योगदान: 3.47%

कर्नाटक के पश्चिमी घाट इलायची की खेती के लिए आदर्श माने जाते हैं. मानसूनी जलवायु और उपजाऊ जमीन की वजह से यहां भी अच्छी मात्रा में इलायची उगाई जाती है. यहां के किसान इसे बड़ी समझदारी और मेहनत से उगाते हैं.