महाराष्ट्र के नासिक जिले के कई हिस्सों में अचानक हुई बारिश और ओलावृष्टि से फसलों और बागानों को बड़ा नुकसान हुआ है. चांदवड़, कलवण, सुरगाणा, इगतपुरी, निफाड़, मालेगांव और सटाना तालुके के खेतों में प्याज, पपीता, सब्जियां और आम की फसलें बर्बाद हो गईं. राज्य कृषि विभाग की शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, 9 तालुकों के 325 गांवों में करीब 1,767 हेक्टेयर में फैली फसलें और बागान खराब हो गए हैं. इससे लगभग 8,311 किसानों को नुकसान हुआ है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार सबसे ज्यादा नुकसान प्याज की फसल को हुआ है, जो 850 हेक्टेयर में फैली थी. इसके बाद 486 हेक्टेयर में आम के बाग और 278 हेक्टेयर में सब्जियां प्रभावित हुई हैं. सबसे ज्यादा असर सुरगाणा तालुका में देखने को मिला, जहां 465 हेक्टेयर में फसल और बागानों को नुकसान हुआ है. सिर्फ सुरगाणा में ही 362 हेक्टेयर में आम के बाग बर्बाद हो गए हैं. यहां 126 गांवों के करीब 3,739 किसानों पर इसका सीधा असर पड़ा है.
66 गांवों में पहुंचा ज्यादा नुकसान
नासिक जिले में कलवण तालुका दूसरा सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका रहा, जहां 66 गांवों के 962 किसानों की 357 हेक्टेयर में फैली फसलें खराब हो गईं. इनमें प्याज, टमाटर और दूसरी सब्जियां शामिल हैं. सटाना तालुका में भी हालात ऐसे ही रहे, जहां 13 गांवों के करीब 855 किसानों की 357 हेक्टेयर जमीन पर उगी प्याज, अनार और सब्जियों की फसलें बर्बाद हो गईं. राज्य कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा कि यह नुकसान मंगलवार को हुई अचानक बारिश की वजह से हुआ है.
नासिक जिले में लगातार दूसरे दिन यानी बुधवार को भी कई हिस्सों में अचानक बारिश हुई. कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा कि बुधवार की बारिश से हुई फसल नुकसान का आकलन भी जल्द किया जाएगा.
अप्रैल महीने में फसल को पहुंचा नुकसान
इससे पहले अप्रैल में भी उत्तर महाराष्ट्र के चार जिलों नासिक, धुले, जलगांव और नंदुरबार में 11,318 हेक्टेयर फसलें बारिश से बर्बाद हो चुकी थीं, जिससे 271 गांवों के करीब 17,000 किसान प्रभावित हुए थे. तब राज्य कृषि विभाग कहा था कि सबसे ज्यादा नुकसान नासिक जिले में 5,800 हेक्टेयर हुआ है. उसके बाद धुले में 3,024 हेक्टेयर, जलगांव में 2,116 हेक्टेयर और नंदुरबार में 378 हेक्टेयर में हुआ. प्याज की फसल सबसे ज्यादा प्रभावित हुई. कुल 5,400 हेक्टेयर में प्याज की फसल खराब हुई, जिसमें 5,100 हेक्टेयर सिर्फ नासिक जिले में ही था.