मसूर दाल पर 10 फीसदी शुल्क तो पीली मटर पर 31 मई तक ड्यूटी फ्री आयात

सरकार ने 8 मार्च से मसूर की दालों पर 5 प्रतिशत मूल सीमा शुल्क और 5 प्रतिशत कृषि अवसंरचना और विकास उपकर (एआईडीसी) लगाया है. अब तक दालों के आयात को शुल्क से छूट दी गई है.

Kisan India
Noida | Updated On: 10 Mar, 2025 | 02:39 PM

वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार सरकार ने मसूर दाल पर 10 प्रतिशत आयात शुल्क लगा दिया है. साथ ही घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए इस साल 31 मई तक पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया है. सरकार की तरफ से एक नोटिफिकेशन जारी कर इस बारे में जानकारी दी गई है. यह जानकारी ऐसे समय में सामने आई है जब कुछ दिनों पहले देश में बफर स्‍टॉक में तेजी से गिरावट की एक खबर आई थी. सूत्रों की मानें तो सरकार की तरफ से दालों की उपलब्‍धता बढ़ाने के लिए यह फैसला लिया गया है.

8 मार्च से लागू हुआ फैसला

सरकार की तरफ से जो नोटिफिकेशन जारी हुआ है उसके मुताबिक सरकार ने 8 मार्च से मसूर की दालों पर 5 प्रतिशत मूल सीमा शुल्क और 5 प्रतिशत कृषि अवसंरचना और विकास उपकर (एआईडीसी) लगाया है. अब तक दालों के आयात को शुल्क से छूट दी गई है. सरकार ने शुरू में दिसंबर 2023 में पीली मटर के शुल्क-मुक्त आयात की अनुमति दी थी. बाद में इसे 28 फरवरी तक तीन बार बढ़ाया. अनुमान के अनुसार, 2024 के दौरान आयातित कुल 67 लाख टन दालों में से भारत का पीली मटर का आयात 30 लाख टन रहा.

किसानों को होगा इसका फायदा

फाइनेंशियल एक्‍सप्रेस के मुताबिक भारतीय दलहन एवं अनाज संघ के नेतृत्व में व्यापार जगत ने केंद्र से शुल्‍क आधारित आयात को फिर से लागू करने का आग्रह किया था. संगठन का मानना था कि इससे किसानों को नुकसान हो रहा है. दूसरी ओर, व्यापार जगत इस मौके का फायदा उठाकर पीली मटर को ऊंचे दामों पर बेच सकता है. शुल्क मुक्त आयात व्यवस्था खत्‍म होने की उम्मीद में घरेलू बाजार में दालों की कीमतों में उछाल आना शुरू हो गया है. सूत्रों की मानें तो ड्यूटी खत्‍म होने के बाद दालों की कीमतों में 150 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक की वृद्धि हुई है. यहां से दाल, चना और मसूर की कीमतों में तेजी आने की उम्मीद है.

एमएसपी पर दालों की खरीद

केंद्र सरकार 15वें वित्त आयोग के 2025-26 की अवधि के दौरान प्रधानमंत्री अन्‍नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) योजना को जारी रखने की मंजूरी दी गई है. इसके बाद से ही सरकार घरेलू किसानों से एमएसपी पर दालें भी खरीद रही है. इस योजना का मकसद किसानों को उनकी उपज के लिए उच्च मूल्य दिलाने में मदद करना है. आधिकारिक बयान के अनुसार, सरकार किसानों से तुअर की 100 प्रतिशत खरीद केंद्रीय नोडल एजेंसियों नैफेड और एनसीसीएफ के माध्यम से करने के लिए प्रतिबद्ध है.

बजट में सरकार का बड़ा ऐलान

सरकार ने खरीद वर्ष 2024-25 के लिए राज्य के उत्पादन के 100 प्रतिशत के बराबर पीएसएस के तहत तुअर, उड़द और मसूर की खरीद की अनुमति दी है. सरकार का मकसद दालों के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने में योगदान देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करना और आयात पर निर्भरता कम करना है. सरकार ने बजट 2025 में यह भी घोषणा की है कि देश में दालों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए केंद्रीय नोडल एजेंसियों के माध्यम से राज्य के उत्पादन के 100 प्रतिशत तक तुअर (अरहर), उड़द और मसूर की खरीद अगले चार वर्षों तक जारी रहेगी.

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Published: 10 Mar, 2025 | 02:39 PM

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