बांग्लादेश के चलते प्याज निर्यात में भारी गिरावट, 1100 करोड़ रुपये कम हो गया कारोबार
भारत ने 2023 में लगभग 25 लाख टन प्याज का निर्यात किया था, जब तक निर्यात शुल्क लागू नहीं हुआ था. वहीं पाकिस्तान ने दिसंबर 2024 से इस साल मार्च तक लगभग 2.2 लाख टन प्याज का निर्यात किया.
Onion Export: इस साल भारत का प्याज निर्यात लगभग 1,100 करोड़ रुपये कम हो गया है. इसका कारण सरकार के निर्यात प्रतिबंध, बांग्लादेश जैसे बड़े बाजारों में घटती मांग और पड़ोसी देशों की बढ़ती प्रतिस्पर्धा है. इससे पूरे देश के किसान, खासकर नासिक के अन्नदाता कुछ ज्यादा ही परेशान हैं. नासिक के लासलगांव मंडी में इस साल निर्यात में बड़ी गिरावट आई है. किसान अपनी लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि निर्यात पर सरकारी प्रतिबंध, अन्य देशों में अधिक उत्पादन और मुद्रा में उतार-चढ़ाव से निर्यात प्रभावित हुआ है.
निर्यातकों के अनुसार, 2024 में भारत ने प्याज निर्यात से 4,500 करोड़ रुपये कमाए थे, जिसमें से लगभग 1,700 करोड़ रुपये बांग्लादेश से आए थे. यानी कुल निर्यात का एक-तिहाई. लेकिन इस साल केवल 3,100 करोड़ रुपये ही कमाए जा सके, जिससे लगभग 1,100 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. इसका मुख्य कारण यह है कि बांग्लादेश ने अपने घरेलू प्याज बाजार को बढ़ावा देने के लिए भारत से प्याज आयात बंद कर दिया. साल 2023-25 के बीच लगाए गए निर्यात प्रतिबंधों ने भी भारत की आय पर गंभीर असर डाला.
1,500 रुपये प्रति क्विंटल है प्याज का रेट
भारत ने 2023 में लगभग 25 लाख टन प्याज का निर्यात किया था, जब तक निर्यात शुल्क लागू नहीं हुआ था. वहीं पाकिस्तान ने दिसंबर 2024 से इस साल मार्च तक लगभग 2.2 लाख टन प्याज का निर्यात किया. देश में प्याज की बढ़ती रिटेल कीमतों को नियंत्रित करने के लिए भारत सरकार ने पहले निर्यात शुल्क बढ़ाया और बाद में प्याज निर्यात पूरी तरह रोक दिया. लेकिन निर्यातकों का कहना है कि इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत की विश्वसनीयता प्रभावित हुई, क्योंकि अन्य देशों का प्याज सस्ता उपलब्ध हो गया. लासलगांव के किसानों के अनुसार, आज प्याज की कीमत लगभग 1,400 से 1,500 रुपये प्रति क्विंटल है, जो उनकी उत्पादन लागत से काफी कम है.
बांग्लादेश ने शुरू कर दी प्याज की खेती
प्याज निर्यातक संघ के उपाध्यक्ष विकास सिंह ने कहा कि निर्यात पर रोक के अलावा, बांग्लादेश ने अपनी प्याज की फसल उगाना शुरू कर दिया, जिससे भारत के निर्यात हिस्से पर असर पड़ा. भारत हर साल बांग्लादेश, इंडोनेशिया और नेपाल जैसी देशों को 25-28 लाख टन प्याज बेचता है, लेकिन पिछले तीन साल में यह मात्रा 15 लाख टन कम हो गई है. सिंह ने बताया कि भारतीय प्याज निर्यात को सिर्फ पड़ोसी देशों की प्रतिस्पर्धा ही चुनौती नहीं है. पाकिस्तान 2025-26 के लिए प्याज उत्पादन 2,78,00,000 टन करने की योजना बना रहा है, जो भारतीय बाजार को और प्रभावित करेगा. दक्षिण एशिया, मध्य पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के बाजारों में भारत को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा.