गाय पालन बना आमदनी का नया जरिया, जानिए कैसे पा सकते हैं कामधेनु योजना का लाभ

कामधेनु योजना केंद्र सरकार की एक पहल है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण भारत में पशुपालकों को सहायता देकर गाय पालन और दूध उत्पादन को बढ़ावा देना है. यह योजना रोजगार, पोषण और आर्थिक आत्मनिर्भरता को भी मजबूती देती है.

नोएडा | Updated On: 6 Aug, 2025 | 01:57 PM

देश की अर्थव्यवस्था में पशुपालन का बड़ा योगदान है. ग्रामीण भारत में आज भी बड़ी संख्या में लोग दूध उत्पादन और गाय पालन से अपनी जीविका चलाते हैं. इन्हीं पशुपालकों की मदद के लिए केंद्र सरकार ने एक खास योजना शुरू की है जिसका नाम है कामधेनु योजना. इस योजना का मकसद है गायों की संख्या बढ़ाना, उनके रखरखाव में सहायता देना और दूध उत्पादन को प्रोत्साहित करना.

क्या है कामधेनु योजना?

कामधेनु योजना केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसे राष्ट्रीय गोकुल मिशन (Rashtriya Gokul Mission) के तहत शुरू किया गया है. इसका उद्देश्य देश में देशी नस्ल की गायों का संरक्षण, संवर्धन और पालन करना है. इस योजना के तहत सरकार उन किसानों और पशुपालकों को आर्थिक सहायता देती है जो उन्नत नस्ल की गायें पालना चाहते हैं. इसके साथ ही, दूध उत्पादन बढ़ाने, रोजगार देने और जैविक खेती को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया जाता है.

योजना के तहत कौन-कौन से लाभ मिलते हैं?

कामधेनु योजना के तहत लाभार्थियों को कई तरह के फायदे दिए जाते हैं-

  1. गाय खरीदने के लिए सब्सिडी- उन्नत नस्ल की गाय या बछड़े खरीदने पर सरकार 25 से 33 प्रतिशत तक सब्सिडी देती है.
  2. शेड निर्माण के लिए सहायता- गायों को रखने के लिए शेड बनवाने में भी आर्थिक मदद दी जाती है.
  3. दूध निकालने की मशीन या उपकरणों पर छूट
  4. स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण और बीमा सुविधा
  5. दूध बेचने के लिए सरकारी सहयोग और बाजार से जोड़ने की सुविधा
  6. इस योजना से रोजगार के अवसर भी पैदा हो रहे हैं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में.

कामधेनु योजना का लाभ कौन ले सकता है?

इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ पात्रता शर्तें होती हैं-

कैसे करें आवेदन?

कामधेनु योजना में आवेदन करने की प्रक्रिया बहुत आसान है-

आवश्यक दस्तावेज (Documents Required)

आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेजों की जरूरत होगी-

कामधेनु योजना से बदल रही है तस्वीर

देश के कई हिस्सों में इस योजना की वजह से लोगों की आय में इजाफा हुआ है. खासकर वे किसान जो पहले सिर्फ पारंपरिक खेती करते थे, अब दुग्ध उत्पादन और जैविक खाद के जरिए अतिरिक्त आमदनी कमा रहे हैं. सरकार का कहना है कि आने वाले समय में योजना को और विस्तार दिया जाएगा ताकि गांव-गांव में पशुपालन को उद्योग के रूप में खड़ा किया जा सके. इससे न केवल दूध उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि कुपोषण और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भी असर पड़ेगा.

Published: 6 Aug, 2025 | 01:40 PM

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