झारखंड में किसानों की बढ़ेगी कमाई, मुफ्त में दिए जाएंगे अरहर-उड़द के उन्नत बीज
झारखंड के गुमला जिले में किसानों को इस खरीफ सीजन में अधिक उपज वाली अरहर और उड़द की किस्में मुफ्त में दी जाएंगी. सरकार का उद्देश्य दाल आयात पर निर्भरता घटाना, मिट्टी की उर्वरता बढ़ाना और किसानों की आमदनी बढ़ाना है.
झारखंड के गुमला जिले के किसानों के लिए खुशखबरी है. इस खरीफ सीजन में सरकार की तरफ से किसानों को ज्यादा उपज देने वाली दालों की किस्में दी जाएंगी. सरकार की इस पहल का मकसद दालों के आयात पर निर्भरता घटाना और नाइट्रोजन फिक्सेशन के जरिए मिट्टी की उर्वरता बढ़ाना है. साथ ही बंजर व खाली पड़ी जमीनों को खेती में लाकर किसानों की आमदनी में इजाफा भी करना है. सरकार को उम्मीद है कि उसकी इस कोशिश से किसानों को काफी फायदा होगा.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि विभाग ने मॉनसून के दौरान 500 हेक्टेयर में अधिक उपज वाली ‘पंत अरहर-6’ और 760 हेक्टेयर में ‘कोटा उड़द-6’ किस्म की खेती का लक्ष्य रखा है. जिला कृषि विभाग के तकनीकी सलाहकार अजीत कुमार ने कहा कि किसानों के बीच 4 किलो वजनी 2,500 अरहर बीज मिनी किट और 3,800 उड़द मिनी किट वितरित किए जाएंगे. जिला कृषि पदाधिकारी (DAO) विजय कुजूर ने कहा कि ये दो नई किस्में न सिर्फ दालों का उत्पादन बढ़ाएंगी, बल्कि पारंपरिक कम उपज वाली किस्मों की जगह लेंगी.
30,000 हेक्टेयर होती है दालों की खेती
उन्होंने कहा कि किसान अगर इन किस्मों को एक बार उगाते हैं, तो उनकी फसल से अगले तीन साल तक बीज के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसे जिले में कुल 2.436 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है, जिसमें से लगभग 30,000 हेक्टेयर में दालों की खेती होती है. अधिकारियों ने कहा कि विभाग ने 1,360 हेक्टेयर भूमि पर फिंगर मिलेट (रागी) की उन्नत किस्म VL 379 की खेती कराने की भी योजना बनाई है.
यूपी में भी किसानों को दी जाएगी फ्री में दाल
बता दें कि केवल झारखंड में ही दालों का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को फ्री में बीज नहीं दिए जा रहे हैं, बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार भी दालों की लाखों किट वितरित करेगी. साथ ही केंद्र सरकार भी दलहन का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. आज ही केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश में दाल और तिलहन का उत्पादन भी बढ़ा है, लेकिन अब भी आत्मनिर्भरता पाने के लिए लंबा रास्ता तय करना बाकी है. उन्होंने कहा कि अभी भी इन उत्पादों के लिए भारत को आयात पर निर्भर रहना पड़ता है. उनके मुताबिक, सरकार इस दिशा में मिशन मोड में काम कर रही है. किसानों को बेहतर बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं.