सिंचाई के लिए 32 लाख सोलर पंप बिक्री शुरू, MSP पर कोदो-कुटकी खरीदने की घोषणा

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सिंचाई का रकबा बढ़कर लगभग 55 लाख हेक्टेयर हो गया है. किसानों को सिंचाई में बिजली बिल से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से सोलर पंप दिए जा रहे हैं.

नई दिल्ली | Published: 6 Aug, 2025 | 05:15 PM

किसानों की सिंचाई समस्या दूर करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार छूट के साथ सोलर पंप की सुविधा दे रही है. राज्य सरकार ने किसानों को 32 लाख सोलर पंप देने की शुरुआत कर दी है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि एफपीओ किसानों से फसल खरीदने तक ही सीमित न रहें, उत्पाद की प्रोसेसिंग करके लाभ हासिल करें. इससे किसानों को लाभ होगा. उन्होंने कहा कि मोटा अनाज की खेती करने वाले किसानों को लाभ दिलाने के लिए कोदो-कुटकी की सरकारी खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाएगी.

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार किसानों की आय बढ़ाकर स्वर्णिम मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए संकल्पित है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत@2047 के संकल्प में मध्यप्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. इसी लक्ष्य की पूर्ति और प्रदेश के विकास के लिए राज्य सरकार ने सभी क्षेत्रों में कार्य प्रारंभ किए हैं. प्रदेश के औद्योगिकीकरण में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा दिया जा रहा है.

सिंचाई के लिए 32 लाख सोलर पंप वितरण शुरू

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सिंचाई का रकबा बढ़कर लगभग 55 लाख हेक्टेयर हो गया है. किसानों को बिजली बिल से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से सिंचाई के लिए 32 लाख सोलर पंप बांटने का कार्य प्रारंभ हो चुका है. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने सिंचाई सोलर पंप के लिए पहले से आवेदन कर रखें हैं उन्हें वितरण प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. जबकि, इच्छुक लभार्थी नजदीक कृषि विभाग के कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं.

एफपीओ अनाज की प्रॉसेसिंग भी शुरू करें

मध्य प्रदेश में खेती का दायरा लगातार बढ़ रहा है. राज्य की कृषि उत्पादकता अच्छी है और अब हम फूड प्रोसेसिंग में अग्रणी राज्य बनने की ओर अग्रसर हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) केवल किसानों से फसल खरीदने तक सीमित न रहें, बल्कि अनाज और अन्य उत्पादों की प्रोसेसिंग कर उसे बाजार में बेचें, जिससे एफपीओ से जुड़े किसान सदस्यों को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा.

एमएसपी पर कोदो-कुटकी खरीदने की व्यवस्था होगी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गतिविधियों के संचालन में राज्य सरकार, भारतीय किसान संघ और मालवम फेडरेशन जैसे संगठनों की सहायता लेगी. राज्य सरकार ने किसानों को गेहूं का प्रति क्विंटल दाम 2600 रुपए कर दिया है. तुअर दाल पर टैक्स हटाया है. किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मोटा अनाज (कोदो-कुटकी) खरीदने की भी व्यवस्था की जा रही है.

किसानों को दिए जा रहे सब्सिडी पर दुधारू पशु

उन्होंने कहा कि दूध उत्पादन को 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य है. राज्य सरकार ने पशुपालन को प्रोत्साहित करने के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना शुरू की है. पात्र लाभार्थियों को सब्सिडी पर गाय-भैंस जैसे दुधारू पशु उपलब्ध कराए जा रहे हैं. फूड प्रोसेसिंग के साथ प्रदेश में मिल्क प्रोसेसिंग और मिल्क प्रोडक्ट के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है.