फसल नुकसान पर मुआवजा दिया केवल 3 रुपया, भड़के किसानों का प्रदर्शन.. कलेक्टर को चेक लौटाई
फसल नुकसान की भरपाई के नाम पर केवल 3 रुपये दिए जाने पर भड़के किसानों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया और कलेक्टर को चेक लौटा दी. किसानों ने कहा कि फसल बीमा कराने पर प्रीमियम के रूप में कई हजार रुपये उनसे लिए गए, लेकिन फसल खराब होने पर केवल 3 रुपये मुआवजा थमाया जा रहा है, यह हमारा अपमान है.
पीएम फसल बीमा योजना के तहत किसानों की फसलों का नुकसान होने की स्थिति में भरपाई के लिए फसल बीमा किया जाता है. योजना के तहत महाराष्ट्र के अकोला के किसानों का भी फसल बीमा किया गया है. इसके लिए प्रीमियम के रूप में उनसे कई हजार रुपये प्रति एकड़ लिए गए. बारिश और बाढ़ से जब उन किसानों की फसल खराब हुई तो भरपाई के लिए मुआवजा नाम पर केवल 3 रुपये दिए गए हैं. कुछ किसानों को 21 रुपये दिए गए हैं. नाराज किसानों ने कहा कि सरकार उनका मजाक बना रही है और अपमान किया जा रहा है.
महाराष्ट्र में खरीफ फसलों का बड़ी संख्या में किसानों ने बीमा कराया है. इसी तरह अकोला जिले के किसानों ने भी फसल बीमा योजना के तहत अपनी फसलों का बीमा कराया, ताकि नुकसान होने पर उनकी भरपाई के लिए ठीकठाक रकम मिल जाए. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार अकोला जिले के कुछ गांवों के किसानों ने दावा किया कि भारी बारिश से हुए फसल नुकसान के लिए उन्हें एक सेंट्रल इंश्योरेंस स्कीम के तहत सिर्फ 3 रुपये और 21 रुपये का मुआवज़ा मिला है.
नाराज किसानों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया
अकोला जिले के दिनोदा, कवसा और कुटासा समेत अन्य गांव के किसानों को सरकारी फसल बीमा स्कीम के तहत मुआवजा के रूप में केवल 3 रुपये और 21 रुपये मिले हैं. नाराज किसानों ने इसे मजाक बताया है. इस मदद को अपनी बुरी हालत का अपमान बताया है. नाराज किसानों ने हजारों की संख्या में पहुंचकर जिला कलेक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन भी किया है.
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कलेक्टर को मुआवजा रकम की चेक लौटाई
दिवाली से पहले प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत मिली कम पैसे की मदद पर निराशा जताते हुए किसानों ने कहा कि जिला कलेक्टर के ऑफ़िस पर विरोध प्रदर्शन किया और मुआवजा के रूप में चेक से मिली रकम लौटा दी. किसानों ने अधिकारी से कहा कि यह राहत नहीं बल्कि किसानों का मजाक है. नाराज दिनोदा, कवसा और कुटासा गांवों के किसानों ने कहा कि हमारी सारी फसलें बर्बाद हो गई और सरकार हमसे यह वित्तीय सहायता स्वीकार करने की उम्मीद करते हैं? यह किसानों का अपमान है.
किसानों को राहत के लिए 31 हजार करोड़ का पैकेज मंजूर
महाराष्ट्र में भारी बारिश और बाढ़ से कई लाख हेक्टेयर में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा है. बारिश और बाढ़ की वजह से सबसे ज्यादा सोयाबीन, मक्का, कपास, उड़द, अरहर और मूंग फसलों को नुकसान पहुंचा है. राज्य सरकार ने किसानों को राहत पहुंचाने के लिए 31,628 करोड़ रुपये के आर्थिक राहत पैकेज की घोषणा की है.