सिंचाई के लिए पानी की दिक्कतों को दूर करने के लिए सरकारी विभागों को बारिश का पानी बचाने की जिम्मेदारी दी गई है. इसके लिए वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जा रहे हैं. मध्य प्रदेश सरकार जल संरक्षण को लेकर काफी गंभीर है. एक ओर मार्च से जल संरक्षण अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत पुराने तालाबों, बावड़ियों और कुओं को पुनर्जीवित किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर अब बारिश के पानी को संरक्षित करने के लिए सरकारी विभागों को निर्देश जारी किए गए हैं. कहा जा रहा है कि संरक्षित पानी से धरती को रीचार्ज किया जाएगा. जबकि कुछ पानी को तालाबों, जलाशयों में भरा जाएगा.
मध्य प्रदेश सरकार फसलों की सिंचाई सुविधाओं को विकसित करने में जुटी है. इसके लिए राज्य में नदी जोड़ो परियोजना के तहत राजस्थान और महाराष्ट्र के साथ काली, सिंध समेत कई नदियों को जोड़ा जा रहा है. इस परियोजना से तीनों राज्यों की कई लाख असिंचित जमीन को पानी उपलब्ध कराना आसान हो जाएगा. इस कड़ी में राज्य सरकार ने अब एक कदम और बढ़ाते हुए बारिश के पानी को बचाने के लिए सरकारी विभागों को निर्देशित किया है. जल संरक्षण के लिये शासकीय-अशासकीय भवनों में वॉटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाने को प्राथमिकता दी गई है.
सरकारी इमारतों में रूफ वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर लगाए जा रहे
शासकीय और निजी भवनों पर रूफ वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर स्थापित किए जा रहे हैं. न्यायालय परिसर में रैन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाया जा रहा है. अशोक नगर में जल गंगा संवर्धन अभियान में संविधान वाटिका और पिपलेश्वर महादेव मंदिर न्यायालय परिसर में जल संरक्षण के लिये रैन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम का निर्माण किया गया है. बारिश के दौरान जल को संरक्षित करने के लिए वॉटर हार्वेस्टिंग का निर्माण किया गया है. संविधान वाटिका एवं पिपलेश्वर महादेव मंदिर न्यायालय परिसर में सोखते गड्ढों को बनाया गया है, जिनमें बारिश का पानी स्टोर होगा. इस पानी को सीधे धरती में ले जाया जाएगा. बाद में बचे पानी को तालाबों और जलाशयों में ट्रांसफर करने की योजना है.
जलाशयों के किनारे पौधे लगाने के निर्देश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशन में जल गंगा सवंर्धन अभियान 30 मार्च से प्रारंभ किया है जो कि 30 जून तक चलेगा. अभियान लगभग अब पूरा किया जा चुका है. जिला स्तर पर इसके तहत किए गये कार्यों की समीक्षा की जा रही है. जिलों में जल स्त्रोतों के आसपास व्यापक पौधरोपण किया जाएगा. नये तालाब बनाये जा रहे, वहीं दूसरी ओर पुराने तालाबों, बावड़ियों और कुंओं का जीर्णोद्धार किया जा रहा है. नदियों को साफ-स्वच्छ एवं जल एकत्रित करने के लिए भी कार्य किए जा रहे हैं.
2200 खेत तालाब बनाए जा रहे
मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले में कलेक्टर नेहा मारव्या ने जल गंगा संवर्धन अभियान की प्रगति की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि जिले में 2200 खेत तालाब बनाये जा रहे हैं. इनमें से अंधिकाश पूरे हो चुके हैं. जिले में 1500 कुओं का जल स्तर बढाने के लिये रिचार्ज संरचनाएं बनाई जा रही है. जिले के जनपद पंचायत में 187 सार्वजनिक तालाब का निर्माण किया जा रहा है. कलेक्टर ने सभी कार्य गुणवत्ता के साथ आगामी 7 दिन में पूरा करने के निर्देश दिये हैं.
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