तेल पर दोहरी मार: आयात में गिरावट, नेपाल से टैक्स फ्री तेल ने बढ़ाई मुश्किलें

तेल वर्ष (oil year) 2024-25 के पहले छह महीनों सानी नवंबर से अप्रैल के बीच, भारत ने 65.02 लाख टन तेल आयात किया, जो पिछले साल इसी अवधि में 70.69 लाख टन था.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 14 May, 2025 | 03:28 PM

भारत में अप्रैल 2025 के महीने में खाने योग्य तेल (edible oil) के आयात में भारी गिरावट दर्ज की गई है. यह गिरावट करीब 34 फीसदी की रही. इसके पीछे मुख्य कारण हैं पाम तेल की मांग में कमी, देश में सरसों की अच्छी पेराई और नेपाल से तेल के बड़े पैमाने पर आयात.

दरअसल, सॉल्वेंट एक्स्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2025 में भारत ने कुल 8.62 लाख टन खाद्य तेल आयात किया, जबकि अप्रैल 2024 में यह आंकड़ा 13.04 लाख टन था. यानी साल दर साल तुलना में यह गिरावट 33.87 फीसदी की है.

तेल वर्ष (oil year) 2024-25 के पहले छह महीनों सानी नवंबर से अप्रैल के बीच, भारत ने 65.02 लाख टन तेल आयात किया, जो पिछले साल इसी अवधि में 70.69 लाख टन था. ये आंकड़े नेपाल से आयात किए गए करीब 3.5 लाख टन परिष्कृत तेल को शामिल नहीं करते.

नेपाल से आयात बना चिंता का विषय

SEA के निदेशक बीवी मेहता के अनुसार, नेपाल की खुद की सालाना तेल जरूरत सिर्फ 4.30 लाख टन है, यानी करीब 35,000 टन प्रति माह. लेकिन भारत में जब सितंबर 2024 में तेल पर आयात शुल्क बढ़ाया गया, तब नेपाल के रिफाइनर्स ने बड़ी मात्रा में कच्चा तेल आयात कर भारत को परिष्कृत तेल (refined oil) भेजना शुरू कर दिया, वो भी बिना किसी शुल्क के SAFTA समझौते के तहत.

अक्टूबर 2024 से अप्रैल 2025 के बीच, नेपाल ने करीब 5.80 लाख टन कच्चा तेल मंगवाया और भारत को करीब 3.5 लाख टन परिष्कृत तेल भेज दिया. SEA का कहना है कि यह अब गंभीर रूप ले चुका है, क्योंकि इससे भारत के पूर्वी और उत्तरी राज्यों में तेल रिफाइनिंग उद्योग को नुकसान हो रहा है और साथ ही सरकार को राजस्व का बड़ा घाटा भी हो रहा है.

SEA ने यह मामला केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी के सामने मजबूती से उठाया है.

कौन सा तेल घटा, कौन बढ़ा?

जहां पाम तेल (Palm Oil) और सनफ्लावर तेल के आयात में गिरावट देखी गई, वहीं सोयाबीन तेल के आयात में तेज बढ़ोतरी हुई है.

  • आरबीडी पामोलीन का आयात घटकर 7.38 लाख टन रहा (पिछले साल: 10.10 लाख टन)
  • कच्चा पाम तेल (CPO) घटकर 19.65 लाख टन हुआ (पिछले साल: 31.32 लाख टन)
  • सोयाबीन तेल का आयात बढ़कर 22.72 लाख टन हुआ (पिछले साल: 12.68 लाख टन)
  • सनफ्लावर तेल थोड़ा घटकर 14.92 लाख टन रह गया (पिछले साल: 15.87 लाख टन)

तेल कहां से आ रहा है?

  • इंडोनेशिया से सबसे ज्यादा कच्चा पाम तेल (9.33 लाख टन) और पामोलीन (6.33 लाख टन) आया.
  • मलेशिया से भी अच्छी खासी मात्रा में पाम तेल आया (8.36 लाख टन).
  • सोयाबीन तेल मुख्यतः अर्जेंटीना (13.89 लाख टन), ब्राजील (4.78 लाख टन) और रूस (1.62 लाख टन) से आया.
  • सनफ्लावर तेल सबसे ज्यादा रूस (9.26 लाख टन) से आया, उसके बाद यूक्रेन और अर्जेंटीना से.

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