ड्राई फ्रूट्स की डिमांड हाई! भारत में अखरोट-बादाम की खपत में उछाल, आयात बढ़ेगा 7 फीसदी

कई क्षेत्रों में मौसम के उतार-चढ़ाव और कम उत्पादन ने भारत के घरेलू अखरोट उत्पादन को प्रभावित किया है. कश्मीर और हिमाचल जैसे क्षेत्रों में पैदावार पहले की तुलना में थोड़ी कम देखी जा रही है.

नई दिल्ली | Published: 25 Nov, 2025 | 11:45 AM

Nut Imports: भारत में सूखे मेवों का शौक तेजी से बढ़ रहा है. खासतौर पर बादाम, अखरोट और पिस्ता की खपत लगातार बढ़ती जा रही है. एक तरफ जहां जनसंख्या में इजाफा हो रहा है, वहीं लोगों की आय और सेहत के प्रति जागरूकता भी बढ़ी है. परिणामस्वरूप इन ट्री नट्स की मांग तेजी से बढ़ी है, जिसे पूरा करने के लिए भारत को लगातार आयात बढ़ाना पड़ रहा है.

बादाम की मांग लगातार बनी मजबूत

भारत में बादाम का उपयोग न सिर्फ खानपान में, बल्कि स्वास्थ्य पूरक के तौर पर भी खूब होता है. विशेषज्ञ कहते हैं कि याददाश्त बढ़ाने से लेकर शरीर की ताकत तक, बादाम हमेशा से भारतीय परिवारों में अहम हिस्सा रहा है. नई रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत 2025-26 सीजन में लगभग 1.8 लाख टन बादाम का आयात कर सकता है, जो पिछले वर्ष के लगभग बराबर है.

दुनिया में बादाम का सबसे बड़ा उत्पादक देश अमेरिका, अपनी पैदावार बढ़ा रहा है, जिससे आयात की उपलब्धता और बढ़ सकती है.

अखरोट की पैदावार घटने से बढ़ा आयात

कई क्षेत्रों में मौसम के उतार-चढ़ाव और कम उत्पादन ने भारत के घरेलू अखरोट उत्पादन को प्रभावित किया है. कश्मीर और हिमाचल जैसे क्षेत्रों में पैदावार पहले की तुलना में थोड़ी कम देखी जा रही है. इसका असर सीधा खपत पर पड़ा, क्योंकि मांग तो लगातार बढ़ रही है. अनुमान है कि अखरोट का आयात 20 फीसदी तक बढ़कर 75,000 टन तक पहुंच जाएगा.

घरेलू उत्पादन लगभग 33,500 टन के आसपास रहने का अनुमान है, जबकि देश में खपत 1 लाख टन से अधिक पहुंच सकती है. ऐसे में आयात पर निर्भरता और बढ़ेगी.

पिस्ता की लोकप्रियता बढ़ी

हाल के वर्षों में पिस्ता भारतीय रसोई और मिठाइयों में पहले से ज्यादा दिखाई देने लगा है. त्योहारों, शादी-ब्याह और स्नैकिंग कल्चर के बढ़ने से पिस्ता की मांग आसमान छू रही है. USDA के मुताबिक, भारत में पिस्ता की खपत 12 फीसदी बढ़कर 50,500 टन तक पहुंच सकती है. दिलचस्प बात यह है कि भारत अपनी आवश्यकता का लगभग पूरा पिस्ता अमेरिका और ईरान जैसे देशों से आयात करता है.

स्वास्थ्य जागरूकता ने बढ़ाया कारोबार

आज के दौर में लोग शरीर को फिट रखने और प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ाने पर ध्यान दे रहे हैं. ऐसे में बादाम, अखरोट और पिस्ता जैसे मेवों की डिमांड रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल होती जा रही है. डॉक्टर भी इन्हें दिल, दिमाग और हड्डियों के लिए फायदेमंद बताते हैं.

इसके साथ ही मध्यम वर्ग की आय में वृद्धि, युवाओं में फिटनेस ट्रेंड, ऑनलाइन फूड मार्केट का विस्तार भी इस आयात वृद्धि के बड़े कारण हैं.

आगे कैसा रहेगा बाजार?

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में भारत का सूखे मेवों का बाजार और बड़ा होगा. घरेलू उत्पादन कम होने और उपभोक्ता मांग बढ़ने से आयात बढ़ने का चक्र जारी रहेगा.

सरकार और उद्योग जगत यदि वैज्ञानिक खेती और प्रसंस्करण पर जोर दे, तो भारत इन ट्री नट्स के उत्पादन में आत्मनिर्भर भी बन सकता है. फिलहाल, सेहत का खजाना विदेशों से ही आ रहा है और आने वाले समय में यह कारोबार और चमकेगा.

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