भारत-अमेरिका कृषि व्यापार ने तोड़े सभी रिकॉर्ड, मतभेदों के बीच भी जोरदार बढ़त जारी

इन राजनीतिक मतभेदों के बावजूद 2025 की पहली छमाही में कृषि व्यापार के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. अमेरिका से भारत का कृषि आयात 49.1 फीसदी की छलांग के साथ 1.69 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. वहीं, भारत से अमेरिका को कृषि निर्यात 24.1 फीसदी बढ़कर 3.47 अरब डॉलर हो गया.

नई दिल्ली | Published: 8 Aug, 2025 | 08:00 AM

भारत और अमेरिका के बीच कई मसलों पर तीखी बहस और मतभेद जारी हैं, खासकर जीएम फसलों और टैरिफ को लेकर. इसके बावजूद एक दिलचस्प तस्वीर सामने आ रही है-कृषि व्यापार में जबरदस्त बढ़त. 2025 के शुरुआती 6 महीनों में दोनों देशों के बीच कृषि आयात-निर्यात ने पुराने सारे रिकॉर्ड पीछे छोड़ दिए हैं. जानकार इसे “मतभेदों के बीच बनते भरोसे” की मिसाल बता रहे हैं.

प्रधानमंत्री मोदी का दो टूक संदेश

एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका को साफ संदेश देते हुए कहा कि भारत किसानों, पशुपालकों और मछुवारों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी तो भी वे पीछे नहीं हटेंगे. यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका भारत से जीएम फसलों और एथेनॉल आयात को लेकर दबाव बना रहा है.

रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा व्यापार

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, इन राजनीतिक मतभेदों के बावजूद 2025 की पहली छमाही में कृषि व्यापार के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. अमेरिका से भारत का कृषि आयात 49.1 फीसदी की छलांग के साथ 1.69 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. वहीं, भारत से अमेरिका को कृषि निर्यात 24.1 फीसदी बढ़कर 3.47 अरब डॉलर हो गया. यह दिखाता है कि जमीनी स्तर पर व्यापारिक गतिविधियां रुकने की बजाय और तेज हुई हैं.

भारत क्या खरीदता है अमेरिका से?

भारत अमेरिका से सबसे ज्यादा बादाम और पिस्ता जैसे मेवे खरीदता है. अकेले 2025 के पहले 6 महीनों में मेवों के आयात में 42.8 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है. इसके अलावा भारत अमेरिका से सोयाबीन तेल, इथेनॉल और कपास भी आयात करता है.

भारत क्या बेचता है अमेरिका को?

भारत अमेरिका को सबसे ज्यादा समुद्री उत्पाद, खासकर झींगे, भेजता है. इसके अलावा बासमती चावल, मसाले, प्रोसेस्ड फल-सब्जियां, एसेंशियल ऑयल और बेकरी आइटम भी निर्यात किए जाते हैं. इनका संयुक्त वार्षिक मूल्य 200 मिलियन डॉलर से अधिक है.

अटके हैं कई विवाद, लेकिन व्यापार जारी

हालांकि व्यापार वार्ताओं में कई मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई है. अमेरिका चाहता है कि भारत जीएम मक्का और सोयाबीन के आयात की अनुमति दे और इथेनॉल का बाजार खोले. भारत ने अब तक साफ तौर पर इससे इनकार किया है. वहीं ट्रंप द्वारा 50 फीसदी टैरिफ लागू किए जाने के बाद भारत से निर्यात की लागत अन्य देशों की तुलना में काफी अधिक हो गई है.

इसके बावजूद 2024 में भारत अमेरिका को 2.48 अरब डॉलर के समुद्री उत्पाद निर्यात कर चुका है—जो कनाडा और चिली के बाद तीसरे स्थान पर है. लेकिन अब इंडोनेशिया और वियतनाम जैसे देश इस स्पेस को हथियाने की कोशिश कर सकते हैं.

क्या कहती है ये तस्वीर?

भारत और अमेरिका के बीच कृषि व्यापार इस वक्त एक दोधारी तलवार पर चल रहा है, जहां नीतिगत मतभेद और संरक्षणवाद अपनी जगह हैं, वहीं आर्थिक जमीन पर व्यापार तेजी से आगे बढ़ रहा है. विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि दोनों देश कुछ ठोस नीतिगत समझौते कर लें, तो यह साझेदारी दुनिया की सबसे बड़ी कृषि व्यापार साझेदारियों में से एक बन सकती है.